लाल किला ब्लास्ट मामले में अल फलाह यूनिवर्सिटी के संस्थापक जावेद सिद्दीकी 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए
जावेद सिद्दीकी को ईडी के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 14 दिन की न्यायिक हिरासत मिली। अल फलाह यूनिवर्सिटी पर फर्जी मान्यता और धन के दुरुपयोग का आरोप है।
दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार (1 दिसंबर 2025) को अल फलाह यूनिवर्सिटी के संस्थापक जावेद अहमद सिद्दीकी को आतंकवाद से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इससे पहले 19 नवंबर को उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ED) की 13 दिन की हिरासत में भेजा गया था।
सोमवार को सिद्दीकी को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शीतल चौधरी प्रधान की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 15 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया गया। सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से यह तर्क दिया गया कि सिद्दीकी को अदालत में पेश करना अभी समय से पहले है, क्योंकि उनकी 13 दिन की हिरासत तकनीकी रूप से मंगलवार सुबह 1 बजे समाप्त होनी थी।
इस बीच, सिद्दीकी की ओर से उनके वकील ने न्यायिक हिरासत के दौरान निर्धारित दवाओं और चश्मे तक पहुंच की अनुमति मांगी। अदालत ने यह अनुरोध स्वीकार कर लिया। ईडी अधिकारियों ने अदालत को उनका मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन सौंपा, जिसके आधार पर जेल प्रशासन को इलाज जारी रखने का निर्देश दिया गया।
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ईडी ने अदालत को पहले बताया था कि अल फलाह यूनिवर्सिटी ने छात्रों के सामने यूजीसी मान्यता और NAAC ग्रेडिंग के बारे में गलत दावे किए। एजेंसी के अनुसार, 2018 से 2025 के बीच विश्वविद्यालय ने 415.10 करोड़ रुपये की आय दर्ज की, जो उनकी संपत्ति और वित्तीय रिकॉर्ड से मेल नहीं खाती। आरोप है कि छात्रों की फीस और सार्वजनिक धन को व्यक्तिगत उपयोग के लिए डायवर्ट किया गया और सिद्दीकी अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट पर वास्तविक नियंत्रण रखते थे।
दिल्ली-एनसीआर में 19 स्थानों पर हुई तलाशी में 48 लाख रुपये नकद बरामद किए गए थे।
यह मामला 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए विस्फोट से जुड़ी जांच के दायरे में है, जिसमें यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज के एक डॉक्टर ने रासायनिक विस्फोटकों से भरी कार में खुद को उड़ा लिया था, जिसमें 15 लोगों की मौत हुई और कई घायल हुए।
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