लाल किला ब्लास्ट केस: दिल्ली कोर्ट ने तीन डॉक्टरों और मौलवी की NIA हिरासत चार दिन बढ़ाई
दिल्ली कोर्ट ने लाल किला ब्लास्ट केस में तीन डॉक्टरों और एक मौलवी की NIA हिरासत चार दिन बढ़ाई। जांच जारी है, मॉडल से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश तेज कर दी गई है।
दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार (8 दिसंबर 2025) को लाल किला ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार तीन डॉक्टरों और एक मौलवी की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) हिरासत को चार दिनों के लिए बढ़ा दिया। ये चारों आरोपी — डॉ. मुज़म्मिल गनई, डॉ. अदील राथर, डॉ. शहीना सईद और मौलवी इरफान अहमद वागय — 29 नवंबर को दी गई 10 दिन की हिरासत पूरी होने पर प्रिंसिपल और सेशंस जज अंजु बजाज चांदना की अदालत में पेश किए गए।
अदालत परिसर, विशेष रूप से पटियाला हाउस जिला अदालत क्षेत्र, में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मीडिया कर्मियों को कार्यवाही की रिपोर्टिंग से रोक दिया गया। यह सुरक्षा व्यवस्था इस मामले की गंभीरता को देखते हुए और कड़े की गई थी।
अब तक NIA इस मामले में सात गिरफ्तारियां कर चुकी है। यह केस जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा पकड़े गए एक 'व्हाइट-कॉलर' आतंकी मॉडल से जुड़ा हुआ है। एजेंसी ने अपने वक्तव्य में कहा है कि वह इस आत्मघाती हमले से जुड़े विभिन्न सुरागों का पीछा कर रही है और कई राज्यों में तलाशी अभियान चलाकर अन्य संभावित आरोपियों की पहचान और उनकी लोकेशन का पता लगाने में जुटी है।
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10 नवंबर 2025 को लाल किले के बाहर विस्फोटकों से भरी i20 कार में धमाका हुआ था, जिसे डॉ. उमर-उन-नबी चला रहे थे। इस विस्फोट में 15 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हुए थे। रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टरों के एक समूह द्वारा संचालित इस हाई-टेक आतंकी मॉडल ने पिछले वर्ष से एक आत्मघाती हमलावर की तलाश शुरू कर दी थी, जिसमें उमर मुख्य योजनाकार बताए जा रहे हैं।
NIA अब इस मॉडल के अन्य सक्रिय सदस्यों और हमले की साजिश में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए तेजी से कारवाई कर रही है।
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