लाल किला ब्लास्ट पीड़ितों को अब तक नहीं मिला सरकारी मुआवज़ा, परिवार बेहाल
लाल किला ब्लास्ट को एक महीने से ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन कई मृतकों और घायलों के परिवारों को दिल्ली सरकार द्वारा घोषित मुआवज़ा अब तक नहीं मिला है।
लाल किला ब्लास्ट को एक महीने से अधिक समय बीत जाने के बावजूद कई पीड़ितों और मृतकों के परिजन अब भी दिल्ली सरकार द्वारा घोषित मुआवज़े का इंतज़ार कर रहे हैं। पीड़ित परिवारों का कहना है कि उन्होंने सभी आवश्यक दस्तावेज़ संबंधित विभागों में जमा करा दिए हैं, लेकिन अब तक सरकार की ओर से कोई ठोस जवाब या सहायता नहीं मिली है।
इस विस्फोट में जान गंवाने वाले कई लोग अपने परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। उनके असमय निधन के बाद परिवारों की आजीविका पर गहरा संकट खड़ा हो गया है। वहीं, गंभीर रूप से घायल पीड़ितों में से कई काम करने की स्थिति में नहीं हैं, जिससे उनके सामने रोज़मर्रा की ज़रूरतें पूरी करने की चुनौती पैदा हो गई है।
दिल्ली सरकार ने घटना के बाद मृतकों के परिजनों को ₹10 लाख, स्थायी रूप से विकलांग हुए पीड़ितों को ₹5 लाख, गंभीर रूप से घायल लोगों को ₹2 लाख और मामूली रूप से घायल पीड़ितों को ₹20,000 की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की थी। हालांकि, पीड़ितों का आरोप है कि मुआवज़ा प्रक्रिया बेहद धीमी है और बार-बार कार्यालयों के चक्कर लगाने के बावजूद कोई समाधान नहीं निकल रहा।
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परिजनों का कहना है कि अधिकारियों की ओर से उन्हें केवल इंतज़ार करने को कहा जा रहा है। कई परिवारों ने बताया कि इस देरी के कारण बच्चों की पढ़ाई, इलाज और घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। कुछ पीड़ितों ने यह भी कहा कि ब्लास्ट के बाद वे अपनी आजीविका से वंचित हो गए हैं और अब कर्ज़ लेकर गुज़ारा करना पड़ रहा है।
पीड़ित परिवारों ने दिल्ली सरकार से मुआवज़ा प्रक्रिया में तेजी लाने और तत्काल आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की मांग की है, ताकि वे इस मुश्किल दौर से उबर सकें।
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