लाल किला मेट्रो स्टेशन धमाके के कुछ दिनों बाद पूरी तरह खोला गया
लाल किला मेट्रो स्टेशन धमाके के कुछ दिनों बाद पूरी तरह खोल दिया गया है। विस्फोट में 13 लोगों की मौत हुई और जांच में मेडिकल प्रोफेशनलों से जुड़ा एक व्हाइट-कालर टेरर मॉड्यूल सामने आया है।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने रविवार को घोषणा की कि लाल किला (Red Fort) मेट्रो स्टेशन के सभी गेट दोबारा खोल दिए गए हैं। यह कदम 10 नवंबर को हुए कार ब्लास्ट के बाद पहली बार स्टेशन पर पूर्ण पहुँच बहाल करता है। धमाके के उसी दिन सुरक्षा कारणों से पूरे स्टेशन को बंद कर दिया गया था, जबकि बाकी मेट्रो नेटवर्क सामान्य रूप से चलता रहा। शनिवार को DMRC ने पहले दो गेट खोले थे।
धमाका नेताजी सुभाष मार्ग पर ट्रैफिक सिग्नल के पास हुआ, जब एक सफेद हुंडई i20 में विस्फोट हो गया। यह स्थान मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 से कुछ ही दूरी पर था। हादसे में कम से कम 12 लोगों की मौत हुई और करीब दो दर्जन लोग घायल हुए। बाद में DNA जांच में पुष्टि हुई कि वाहन चला रहा व्यक्ति फ़रीदाबाद की अल-फला यूनिवर्सिटी का डॉक्टर उमर मोहम्मद था, जिसे उमर-उन-नबी के नाम से भी जाना जाता है।
धमाके के बाद सप्ताहभर तक आसपास के इलाकों में भारी सुरक्षा तैनात रही। कई बाजारों को घेरा गया और तलाशी अभियान जारी रहा। यह घटना तब हुई जब हरियाणा के फ़रीदाबाद में 2,900 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री — अमोनियम नाइट्रेट सहित — जब्त की गई।
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सूत्रों के अनुसार, डॉक्टर उमर ने अपने दो सहयोगियों — डॉक्टर मुज़म्मिल शकील और डॉक्टर आदिल रेशी — की गिरफ्तारी और भारी मात्रा में विस्फोटक मिलने के बाद घबराहट में ब्लास्ट कर दिया। इसके बाद पुलिस ने अल-फला यूनिवर्सिटी के एक और डॉक्टर, डॉक्टर शाहीन को भी गिरफ्तार किया।
दिल्ली पुलिस इस नेटवर्क को “व्हाइट-कालर टेरर मॉड्यूल” बता रही है, जिसमें जम्मू-कश्मीर से जुड़े कई प्रशिक्षित मेडिकल प्रोफेशनल शामिल थे। स्पेशल सेल, NIA और अन्य एजेंसियों ने घटनास्थल से 40 से अधिक नमूने इकट्ठे किए हैं और जांच जारी है।
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