अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 4 पैसे गिरकर 88.79 के नए निचले स्तर पर
भारतीय रुपया 4 पैसे कमजोर होकर 88.79 के नए निचले स्तर पर पहुंचा। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और डॉलर की कमजोरी ने बड़ी गिरावट को रोका।
भारतीय रुपया सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 4 पैसे कमजोर होकर 88.79 के नए निचले स्तर पर बंद हुआ। मुद्रा बाजार के जानकारों के अनुसार, वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में आई बड़ी गिरावट और डॉलर की कमजोरी ने रुपये को और अधिक गिरने से बचाया, लेकिन दबाव बरकरार रहा।
फॉरेक्स ट्रेडर्स ने बताया कि घरेलू मुद्रा पर विदेशी निवेश की धीमी रफ्तार और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अस्थिरता का भी असर पड़ा है। हालांकि, वैश्विक स्तर पर डॉलर इंडेक्स में नरमी और कच्चे तेल की कीमतों में कमी ने रुपये को कुछ सहारा दिया।
पिछले कुछ हफ्तों से रुपये में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। आयातकों की डॉलर मांग बढ़ने और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) की निकासी के कारण रुपये पर दबाव बना हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी रहती है, तो रुपये में और कमजोरी आ सकती है।
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फॉरेक्स विश्लेषकों का कहना है कि निकट भविष्य में रुपये का रुख अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों, कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों और विदेशी निवेश के प्रवाह पर निर्भर करेगा। यदि डॉलर इंडेक्स में सुधार होता है या अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो रुपये में और गिरावट की आशंका है।
वहीं, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) रुपये की स्थिरता बनाए रखने के लिए मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप कर सकता है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि RBI केवल अत्यधिक अस्थिरता की स्थिति में ही सक्रिय कदम उठाएगा।
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