रूस ने भारत के साथ व्यापार बढ़ाने पर दिया जोर, तीसरे देशों द्वारा बाधाओं के बावजूद: दिमित्री पेस्कोव
रूस ने कहा कि पश्चिमी बाधाओं के बावजूद भारत-रूस व्यापार बढ़ेगा। पुतिन की भारत यात्रा में परमाणु ऊर्जा और रक्षा सहयोग पर नए प्रस्ताव पेश किए जाएंगे।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रेस सचिव दिमित्री पेस्कोव ने मंगलवार को कहा कि कुछ देश भारत-रूस व्यापारिक संबंधों में बाधाएं उत्पन्न करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन दोनों पक्ष इन चुनौतियों को पार कर आने वाले वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब डॉलर तक बढ़ाने पर केंद्रित हैं।
रूसी समाचार मंच ‘स्पुतनिक’ द्वारा आयोजित एक संवाद में पेस्कोव ने कहा कि पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध भारत-रूस व्यापार में अवरोधक बने हुए हैं, लेकिन ये प्रतिबंध “अवैध” हैं और रूस तथा भारत दोनों ही इन अवरोधों का समाधान ढूंढने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यापार में अमेरिकी डॉलर का हिस्सा लगातार घट रहा है और राष्ट्रीय मुद्राओं का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। इसके चलते दोनों देशों के बीच रुपये और रूबल में लेनदेन का दायरा भी आगे बढ़ेगा।
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पेस्कोव ने यह भी बताया कि राष्ट्रपति पुतिन की आगामी भारत यात्रा के दौरान उनके साथ विशेषज्ञों और अधिकारियों का एक उच्च-स्तरीय दल आएगा, जो नागरिक परमाणु ऊर्जा और रक्षा सहयोग के नए प्रस्ताव प्रस्तुत करेगा। विशेष तौर पर, रूस भारत को छोटे मॉडल परमाणु रिएक्टर (SMR) स्थापित करने के प्रस्ताव पर चर्चा करेगा।
उन्होंने कहा कि रूस भारत को एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार के रूप में देखता है और दोनों देशों के बीच ऊर्जा, रक्षा, व्यापार, अंतरिक्ष और तकनीकी क्षेत्रों में सहयोग लगातार मजबूत होता जा रहा है।
पेस्कोव ने यह भी कहा कि भारत की वैश्विक स्थिति और उसकी स्वतंत्र विदेश नीति रूस के लिए सम्मानजनक है, और यही कारण है कि दोनों देशों के संबंध अंतरराष्ट्रीय दबावों के बावजूद स्थिर और मजबूत बने हुए हैं।
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