रूस के जेट्स ने एस्टोनिया में नाटो पायलटों के संकेतों की अनदेखी की
रूसी जेट्स ने एस्टोनिया में नाटो पायलटों के संकेतों को अनदेखा किया। 12 मिनट की यह घटना नाटो की रूसी हवाई खतरों से निपटने की क्षमता की परीक्षा थी।
एस्टोनिया में हाल ही में रूसी जेट विमानों ने नाटो पायलटों द्वारा दिए गए संकेतों को अनदेखा किया। अधिकारियों ने बताया कि यह घटना लगभग 12 मिनट तक चली। यह आक्रमण नाटो की हवाई सीमा सुरक्षा और रूसी हवाई खतरे का सामना करने की क्षमता की परीक्षा थी।
रूसी विमानों के इस प्रवेश के समय नाटो के पायलटों ने उन्हें कई बार चेतावनी दी और हवाई सीमा छोड़ने का संकेत दिया। बावजूद इसके, रूसी विमानों ने इन संकेतों को नजरअंदाज किया और एस्टोनिया के हवाई क्षेत्र में प्रवेश किया। अधिकारियों ने इसे एक गंभीर सुरक्षा चुनौती बताया और इसे क्षेत्रीय स्थिरता पर असर डालने वाला कदम माना।
यह घटना पिछले कुछ हफ्तों में रूसी हवाई गतिविधियों की लगातार बढ़ती चुनौती का हिस्सा है। उल्लेखनीय है कि 10 सितंबर को लगभग 20 रूसी ड्रोन पोलैंड के हवाई क्षेत्र में घुस आए थे। यह पिछले घटनाक्रम नाटो के लिए रूसी हवाई गतिविधियों और सीमाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता का विषय बन गए हैं।
और पढ़ें: रूसी रक्षा मंत्रालय का बयान: रूसी लड़ाकू विमानों ने एस्टोनिया के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन नहीं किया
नाटो के अधिकारी इस तरह की घटनाओं का ध्यानपूर्वक विश्लेषण कर रहे हैं और अपने पायलटों और हवाई सुरक्षा प्रणालियों की सतर्कता बढ़ा रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसे घटनाक्रम से गठबंधन को रूसी सैन्य रणनीतियों और हवाई खतरों के प्रति अपनी तैयारी मजबूत करने का संकेत मिलता है।
विश्लेषकों का मानना है कि रूसी हवाई गतिविधियां नाटो के हवाई क्षेत्र में तनाव और संवेदनशीलता को बढ़ा रही हैं। यह घटना स्पष्ट रूप से दिखाती है कि भविष्य में नाटो और रूस के बीच हवाई सीमा पर सतर्कता और तंत्र की मजबूत आवश्यकता है।
इस प्रकार, एस्टोनिया में रूसी जेट्स का नाटो संकेतों को नजरअंदाज करना क्षेत्रीय सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के लिए महत्वपूर्ण चुनौती प्रस्तुत करता है।
और पढ़ें: रूस के कमचटका क्षेत्र में 7.8 तीव्रता का भीषण भूकंप