संयुक्त राष्ट्र और पाकिस्तान पर एस. जयशंकर का तीखा प्रहार: सब कुछ ठीक नहीं है
एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र और पाकिस्तान को आतंकवाद पर रुख के लिए आड़े हाथों लिया, कहा—संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता और सुधार प्रक्रिया दोनों गंभीर संकट में हैं।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र (UN) और पाकिस्तान को आतंकवाद पर उनके रुख के लिए कड़ी आलोचना की है। संयुक्त राष्ट्र की 80वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि “संयुक्त राष्ट्र में सब कुछ ठीक नहीं है,” क्योंकि इसकी बहसें “बेहद ध्रुवीकृत” हो चुकी हैं और इसका कामकाज “स्पष्ट रूप से जाम” हो गया है।
जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र में सुधारों की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि “कोई भी सार्थक सुधार, सुधार प्रक्रिया के नाम पर ही रोका जा रहा है।” उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को बचाए रखना और उसके पुनर्गठन के लिए काम करना आज दुनिया के सामने एक बड़ी चुनौती है।
विदेश मंत्री ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि जब एक सुरक्षा परिषद का सदस्य देश आतंकवादी संगठन को बचाता है, जिसने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली है, तो यह बहुपक्षवाद की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर आतंकवाद के पीड़ितों और अपराधियों को समान बताया जाता है, तो यह वैश्विक रणनीति की अत्यंत निंदनीय स्थिति को दर्शाता है।
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पाकिस्तान इस समय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का सदस्य है और जुलाई माह में उसने अध्यक्षता की थी। बताया गया कि पाकिस्तान ने पहलगाम हमले की निंदा करने वाले संयुक्त राष्ट्र के बयान से द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) का नाम हटाने की कोशिश की थी। TRF, लश्कर-ए-तैयबा का एक सहयोगी संगठन है।
जयशंकर ने कहा, “अगर अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा का रखरखाव केवल औपचारिकता बनकर रह गया है, तो विकास और सामाजिक-आर्थिक प्रगति की स्थिति और भी गंभीर है।” उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को उसकी खामियों के बावजूद समर्थन देना जरूरी है, क्योंकि बहुपक्षीय व्यवस्था की उम्मीद को छोड़ा नहीं जा सकता।
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