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उत्तर प्रदेश में हिंसाग्रस्त बरेली जाने से रोकी गई समाजवादी पार्टी नेताओं की प्रतिनिधि मंडल

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की प्रतिनिधि मंडल बरेली जाने से रोकी गई। LoP मता प्रसाद पांडेय ने पुलिस पर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ अत्यधिक बल प्रयोग करने का आरोप लगाया।

उत्तर प्रदेश के लीडर ऑफ़ ऑपोज़िशन (LoP) मता प्रसाद पांडेय की अगुवाई में समाजवादी पार्टी (सपा) के नेताओं की एक प्रतिनिधि मंडल बरेली जाने के प्रयास को पुलिस ने रोक दिया। यह मंडल शहर में पिछले सप्ताह हुई हिंसात्मक घटनाओं की स्थिति का जायजा लेने और स्थानीय प्रशासन को शिकायत पत्र सौंपने के लिए रवाना हो रही थी।

मता प्रसाद पांडेय ने आरोप लगाया कि बरेली की मुस्लिम समुदाय की ओर से केवल प्रशासन को एक पत्र सौंपने का प्रयास किया जा रहा था। लेकिन पुलिस ने उनकी शांति पूर्ण कार्रवाई को रोकने के लिए अत्यधिक बल का प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि प्रशासन का यह रवैया लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है और विपक्षी नेताओं की आवाज़ को दबाने की कोशिश है।

प्रतिनिधि मंडल के रोके जाने के बाद राजनीतिक गलियारे में विवाद बढ़ गया। सपा ने इस कदम को जनता और समुदाय के अधिकारों पर हमला बताते हुए केंद्र और राज्य सरकार से कड़े कदम उठाने की मांग की। नेताओं का कहना है कि यदि प्रशासन ने उचित व्यवहार नहीं किया, तो पार्टी राजनीतिक विरोध और प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होगी।

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इस घटना ने बरेली में कानून-व्यवस्था और सामाजिक तनाव की स्थिति को फिर से उजागर किया। विशेषज्ञों के अनुसार, प्रशासन को संवेदनशील समुदायों के साथ संवाद स्थापित करके स्थिति को शांत करने और लोकतांत्रिक अधिकारों का सम्मान सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।

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