दिल्ली दंगों के आरोपियों को स्थायी पता जमा करने का सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली दंगा साजिश मामले के सात आरोपियों को अगली सुनवाई में स्थायी पता जमा करने को कहा। अदालत जमानत बहस को तय समय में पूरा करना चाहती है।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को 2020 के दिल्ली दंगों की कथित "बड़ी साजिश" मामले में आरोपी सात सामाजिक कार्यकर्ताओं को अगली सुनवाई में अपने स्थायी पते जमा करने का निर्देश दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति एन. वी. अंजरिया की पीठ ने दिया, जो इन आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।
जिन आरोपियों को यह निर्देश दिया गया है, उनमें शरजील इमाम, उमर खालिद, गुलफिशा फातिमा, मीरान हैदर, शिफा-उर-रहमान, मोहम्मद सलीम खान और शादाब अहमद शामिल हैं। इन सभी पर 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों को भड़काने के लिए समन्वित साजिश रचने का आरोप है।
पीठ ने बिना कोई विशेष कारण बताए यह स्पष्ट कर दिया कि सभी आरोपियों को अगली तिथि पर अपने स्थायी आवास का पता उपलब्ध कराना होगा। अदालत जमानत याचिकाओं पर अंतिम दलीलों को समयबद्ध ढंग से पूरा करने के लिए भी तैयार है। अदालत ने संकेत दिया कि शेष बहस को निर्दिष्ट समय सीमा के भीतर पूरा किया जाएगा, ताकि जमानत पर अंतिम निर्णय लिया जा सके।
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2020 के दंगों से जुड़े इस मामले में आरोपियों पर यूएपीए समेत कई गंभीर धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है। इन आरोपियों का कहना है कि उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है, जबकि अभियोजन पक्ष दावा करता है कि दंगे एक बड़ी साजिश का हिस्सा थे और इन सातों ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अदालत का यह निर्देश प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अब अगली सुनवाई में यह देखा जाएगा कि सभी आरोपी अपने स्थायी पते की जानकारी जमा करते हैं या नहीं, जिसके बाद जमानत पर अंतिम दलीलें सुनी जाएंगी।