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विशेष मतदाता सूची संशोधन पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई जारी, राज्यों को नोटिस जारी

सुप्रीम कोर्ट ने SIR के दूसरे चरण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल को जवाब दाखिल करने को कहा और हाई कोर्ट में चल रही सभी समानांतर सुनवाई रोकने के निर्देश दिए।

सुप्रीम कोर्ट ने विशेष गहन संशोधन (Special Intensive Revision – SIR) प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बुधवार (26 नवंबर 2025) को हुई सुनवाई में पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग (SEC) और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।यह याचिकाएं SIR के दूसरे चरण के खिलाफ दायर की गई हैं।

चुनाव आयोग द्वारा 28 अक्टूबर को घोषित दूसरे चरण में तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल सहित 12 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं। इस चरण में लगभग 51 करोड़ मतदाताओं के नामों का सत्यापन दांव पर है।

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (25 नवंबर 2025) को MDMK के संस्थापक और पूर्व राज्यसभा सदस्य वैको की उस याचिका पर भी नोटिस जारी किया, जिसमें उन्होंने तमिलनाडु में SIR प्रक्रिया को चुनौती दी है। अदालत ने तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में इस विषय पर विचार कर रही सभी हाई कोर्ट कार्यवाहियों को भी फिलहाल स्थगित रखने का अनुरोध किया है।

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इससे पहले 11 नवंबर 2025 की सुनवाई में, न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने चुनाव आयोग की उस चिंता पर ध्यान दिया था जिसमें ECI ने बताया कि देशभर में विभिन्न हाई कोर्ट इस मामले पर समानांतर सुनवाई कर रहे हैं, जिससे भ्रम की स्थिति बन रही है। कोर्ट ने कहा कि एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए सभी राज्यों में SIR को लेकर हाई कोर्ट मामलों को रोक दिया जाए ताकि सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय दे सके।

DMK की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और ADR की ओर से प्रशांत भूषण ने SIR प्रक्रिया की पारदर्शिता और संभावित दुरुपयोग को लेकर गंभीर आपत्तियाँ उठाई हैं। सुप्रीम कोर्ट अब इन सभी पक्षों की प्रतिक्रियाएं मिलने के बाद अगली सुनवाई में मामले की विस्तृत समीक्षा करेगा।

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