सुप्रीम कोर्ट के प्रवर्तन निदेशालय पर टिप्पणी तथ्यपरक हैं: CJI
CJI ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ED पर टिप्पणियाँ तथ्यपरक हैं। ED ने चिंता जताई कि टिप्पणियाँ जनता और न्यायपालिका में नकारात्मक धारणा पैदा कर सकती हैं।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने स्पष्ट किया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ED) के बारे में की गई टिप्पणियाँ पूरी तरह तथ्यों पर आधारित हैं। CJI ने कहा कि न्यायालय के विचार और टिप्पणियाँ निष्पक्ष हैं और उनका उद्देश्य केवल कानूनी प्रक्रियाओं और एजेंसियों के कामकाज की समीक्षा करना है।
ED की प्रतिक्रिया में कहा गया कि कोर्ट की टिप्पणियों की रिपोर्टिंग इस तरह से हो रही है कि सामान्य जनता और न्यायपालिका के बीच नकारात्मक प्रभाव पैदा हो रहा है। प्रवर्तन निदेशालय ने टिप्पणी की कि कई बार मीडिया और सार्वजनिक रिपोर्टिंग से लोगों में गलत धारणाएँ बन सकती हैं और इससे संस्थागत साख पर असर पड़ सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट और ED के बीच यह संवाद न्यायपालिका और जांच एजेंसियों के बीच संतुलन बनाए रखने का हिस्सा है। कोर्ट ने पहले भी कई मामलों में एजेंसियों के कामकाज पर टिप्पणी की है, जिसका उद्देश्य केवल न्यायिक प्रक्रिया की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
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CJI ने कहा कि न्यायालय की टिप्पणियाँ सही तथ्यों और उपलब्ध प्रमाणों पर आधारित हैं और इन्हें व्यक्तिगत आलोचना या एजेंसी की छवि को प्रभावित करने के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट हमेशा यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी एजेंसी या व्यक्ति की प्रतिष्ठा अकारण प्रभावित न हो।
विशेषज्ञों का मानना है कि अदालत और जांच एजेंसियों के बीच इस तरह के संवाद से कानून व्यवस्था में मजबूती आती है और यह दर्शाता है कि न्यायपालिका और कार्यपालिका दोनों अपने-अपने दायित्वों के प्रति गंभीर हैं।