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स्कूल की गणित और सड़क की गणित: वास्तविक जीवन से जोड़ने का महत्व

आधुनिक स्कूल अब गणित की शिक्षा को वास्तविक जीवन से जोड़ने के महत्व को समझने लगे हैं। इससे छात्रों में समस्या सुलझाने और व्यावहारिक सोच की क्षमता बढ़ती है।

आज के समय में गणित शिक्षा केवल पाठ्यपुस्तक तक सीमित नहीं रह गई है। आधुनिक स्कूल अब इस बात को समझने लगे हैं कि गणितीय अवधारणाओं को वास्तविक जीवन की परिस्थितियों से जोड़ना छात्रों के सीखने के अनुभव को और अधिक प्रभावशाली बनाता है।

पारंपरिक स्कूल गणित में विद्यार्थी सूत्र और समीकरणों को कक्षा में सीखते हैं, लेकिन वास्तविक जीवन में उनका उपयोग अक्सर मुश्किल लगता है। उदाहरण के लिए, पैसे का लेन-देन, दूरी और समय की गणना, या निर्माण कार्य में माप और अनुपात का इस्तेमाल। जब गणित को छात्रों के रोज़मर्रा के अनुभवों से जोड़ा जाता है, तो उनकी समस्या सुलझाने की क्षमता और तार्किक सोच बेहतर होती है।

शिक्षाविदों का कहना है कि स्कूलों में यह बदलाव सकारात्मक है। अब शिक्षक छात्रों को केवल गणितीय नियम याद कराने के बजाय उन्हें यह समझाने की कोशिश करते हैं कि यह ज्ञान दैनिक जीवन में कैसे काम आता है। इससे छात्रों में गणित के प्रति रुचि बढ़ती है और सीखने की प्रक्रिया अधिक रोचक बनती है।

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इसके अलावा, इस दृष्टिकोण से छात्रों को सांख्यिकीय और तार्किक सोच में भी मजबूती मिलती है। उदाहरण के लिए, स्थानीय बाजार में खरीदारी करते समय, यात्रा की योजना बनाते समय, या किसी प्रोजेक्ट में संसाधनों का प्रबंधन करते समय गणितीय अवधारणाओं का उपयोग करना सिखाना उन्हें वास्तविक जीवन की चुनौतियों के लिए तैयार करता है।

इस प्रकार, स्कूल की गणित और सड़क की गणित का मेल शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों के व्यावहारिक ज्ञान को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है। यह कदम केवल अकादमिक सफलता तक सीमित नहीं बल्कि जीवन भर सीखने और समस्याओं का समाधान करने की क्षमता विकसित करता है

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