ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूर्वोत्तर में विश्वस्तरीय पर्यटन सर्किट विकसित करने पर दिया जोर
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में विश्वस्तरीय पर्यटन सर्किट विकसित करने का आह्वान किया, ताकि क्षेत्रीय सहयोग और सतत विकास के साथ पर्यटन को नई दिशा मिले।
केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री (DoNER) ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने सोमवार को कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में विश्वस्तरीय पर्यटन सर्किट विकसित करना आवश्यक है। उन्होंने समावेशी और सतत पर्यटन के लिए नीचे से ऊपर (bottom-up) दृष्टिकोण अपनाने की वकालत की।
सिंधिया ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के एकीकृत विकास की समीक्षा के लिए आयोजित तीन उच्चस्तरीय टास्क फोर्स (HLTF) बैठकों में भाग लिया। इन बैठकों में बुनियादी ढांचा, व्यापार, कृषि और पर्यटन से जुड़ी योजनाओं की प्रगति और भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा हुई।
इस वर्ष की शुरुआत में DoNER मंत्रालय ने आठ उच्चस्तरीय टास्क फोर्स गठित की थीं, जिनकी अध्यक्षता पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा की जा रही है। इस पहल का उद्देश्य अंतरराज्यीय सहयोग बढ़ाना और विकास नीतियों को क्षेत्रीय स्तर पर एकीकृत करना है।
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मिजोरम के मुख्यमंत्री पु लालदुहोमा की अध्यक्षता में आयोजित पूर्वोत्तर आर्थिक कॉरिडोर बैठक में सड़क, रेल, वायु और जल मार्गों सहित डिजिटल कनेक्टिविटी और सीमा व्यापार सुविधाओं पर चर्चा की गई। मेघालय, असम और मणिपुर ने इसमें महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
पर्यटन टास्क फोर्स की बैठक में मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने पर्यटन विकास पर प्रारंभिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। सिंधिया ने कहा कि पूर्वोत्तर को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए “प्रीमियर डेस्टिनेशन” बनाने हेतु विश्वस्तरीय सर्किट विकसित किए जाएं।
कृषि एवं बागवानी टास्क फोर्स में सिंधिया ने मूल्य संवर्धन, ऑर्गेनिक खेती, कोल्ड चेन और क्लस्टर-आधारित उत्पादन पर बल दिया। उन्होंने दीर्घकालिक रणनीति के साथ सतत विकास को प्राथमिकता देने की आवश्यकता जताई।
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