नगर निकायों की कमजोर बैलेंस शीट बॉन्ड जारी करने में बाधा : सेबी प्रमुख
सेबी प्रमुख तुहिन कांत पांडेय ने कहा कि नगर निकायों की कमजोर बैलेंस शीट बॉन्ड जारी करने में बाधा है। उन्होंने एसेट मॉनेटाइजेशन, REITs और InvITs के महत्व पर जोर दिया।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के चेयरपर्सन तुहिन कांत पांडेय ने कहा है कि भारत में नगर निकायों की कमजोर बैलेंस शीट बॉन्ड जारी करने की सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि शहरी निकायों की वित्तीय स्थिति को मज़बूत किए बिना बॉन्ड बाजार का सही विकास संभव नहीं है।
पांडेय ने एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि नगर निकायों के पास पर्याप्त संपत्तियां तो हैं, लेकिन उनका प्रभावी मुद्रीकरण (Asset Monetisation) नहीं हो रहा है। यदि इन संपत्तियों का सही उपयोग किया जाए, तो न केवल उनकी आय में वृद्धि होगी बल्कि बॉन्ड बाजार में निवेशकों का भरोसा भी बढ़ेगा।
उन्होंने बताया कि भारत में रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (REITs) और इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (InvITs) जैसे उपकरणों के माध्यम से भी नगर निकायों के लिए नए अवसर खोले जा सकते हैं। इन साधनों का उपयोग करके लंबे समय के लिए निवेश आकर्षित किया जा सकता है, जो शहरी विकास परियोजनाओं में सहायक होगा।
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सेबी प्रमुख ने यह भी कहा कि बॉन्ड जारी करने के लिए नगर निकायों की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना आवश्यक है। निवेशक तभी विश्वास करेंगे जब उन्हें नगर निकायों की वित्तीय स्थिति और परियोजनाओं की स्पष्ट जानकारी उपलब्ध होगी।
पांडेय ने जोर दिया कि भारत जैसे तेजी से शहरीकरण वाले देश के लिए नगर निकायों का वित्तीय सशक्तिकरण बेहद महत्वपूर्ण है। मजबूत बॉन्ड बाजार न केवल बुनियादी ढांचे के विकास को गति देगा बल्कि शहरों को आत्मनिर्भर बनाने में भी योगदान देगा।
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