शरद पवार–अडानी नजदीकियां: नगर निकाय चुनावों से पहले एमवीए और महायुति की सियासत पर असर
बारामती में शरद पवार द्वारा गौतम अडानी की मेजबानी ने नगर निकाय चुनावों से पहले एमवीए की रणनीति पर सवाल खड़े किए और भाजपा के खिलाफ कॉरपोरेट समर्थक आरोपों को कमजोर किया।
महाराष्ट्र में 29 नगर निगमों, जिनमें मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) भी शामिल है, के चुनावों की तैयारियों के बीच एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार और उद्योगपति गौतम अडानी की मुलाकात ने राज्य की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। 15 जनवरी को होने वाले इन चुनावों से पहले पवार परिवार के गढ़ बारामती में अडानी का भव्य स्वागत कई राजनीतिक संकेत दे गया।
रविवार को गौतम अडानी बारामती पहुंचे, जहां उन्होंने पवार परिवार द्वारा संचालित विद्या प्रतिष्ठान में स्थापित शरदचंद्र पवार सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उद्घाटन किया। हालांकि यह एक शैक्षणिक पहल थी, लेकिन जिस तरह से अडानी का स्वागत किया गया, उसने सियासी हलकों का ध्यान खींच लिया। अडानी, एनसीपी प्रमुख और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ एक कार में पहुंचे, जिसे शरद पवार के भतीजे और एनसीपी (एसपी) विधायक रोहित पवार चला रहे थे।
इस मौके पर शरद पवार की बेटी और बारामती की सांसद सुप्रिया सुले, साथ ही अजित पवार की पत्नी और सांसद सुनेत्रा पवार भी अडानी के स्वागत के लिए मौजूद रहीं। इस दृश्य को लेकर कांग्रेस के कई नेताओं ने नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि शरद पवार द्वारा अडानी की मेजबानी महाविकास आघाड़ी (एमवीए) को “कमजोर स्थिति” में दिखाती है और भाजपा पर लगाए जाने वाले “कॉरपोरेट समर्थक” होने के आरोपों को भी कमजोर करती है।
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कांग्रेस नेताओं का मानना है कि एमवीए लगातार भाजपा पर बड़े उद्योगपतियों के पक्ष में नीतियां बनाने का आरोप लगाती रही है, ऐसे में अडानी के साथ पवार परिवार की सार्वजनिक नजदीकी विपक्ष के लिए असहज स्थिति पैदा कर सकती है। वहीं, महायुति के लिए यह एक अवसर माना जा रहा है, जिससे वह विपक्ष की कथनी और करनी के अंतर को उजागर कर सके।
नगर निकाय चुनावों के मद्देनजर यह घटनाक्रम महाराष्ट्र की राजनीति में नए समीकरणों और संभावित रणनीतिक बदलावों की ओर इशारा कर रहा है।
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