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चुनाव आते ही मंदिरों की याद आती है, महाकाल मंदिर योजना पर ममता पर शिवराज का तंज

महाकाल मंदिर योजना पर शिवराज सिंह चौहान ने ममता बनर्जी पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ दल चुनाव के समय ही मंदिरों और धर्म की याद करते हैं।

केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान ने पश्चिम बंगाल में प्रस्तावित महाकाल मंदिर को लेकर मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग और राजनीतिक दल केवल चुनाव नजदीक आने पर ही मंदिरों और धार्मिक अनुष्ठानों को याद करते हैं, जबकि धार्मिक संस्थानों पर हमलों के समय चुप्पी साध लेते हैं।

मंगलवार (30 दिसंबर 2025) को भोपाल स्थित अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री चौहान ने कहा कि मंदिर और धार्मिक परंपराएं आस्था का विषय हैं, लेकिन कुछ विपक्षी दल धर्म का इस्तेमाल केवल चुनावी लाभ के लिए करते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि आस्था का सम्मान होना चाहिए और उसे राजनीति का औजार नहीं बनाया जाना चाहिए।

दरअसल, सोमवार (29 दिसंबर) को कोलकाता में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान ममता बनर्जी ने घोषणा की थी कि उत्तर बंगाल के सिलीगुड़ी में महाकाल मंदिर का शिलान्यास जनवरी के दूसरे सप्ताह में किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा था कि मंदिर के लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है और परियोजना के लिए धन की व्यवस्था भी कर ली गई है।

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इस घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “जब चुनाव सिर पर होते हैं, तभी कुछ लोगों को मंदिर याद आते हैं। मेरा मानना है कि मंदिर या अन्य धार्मिक गतिविधियां आस्था से जुड़ी होती हैं। लेकिन जब इन धार्मिक संस्थानों पर हमले होते हैं, तब यही लोग मौन रहते हैं। जैसे ही चुनाव पास आते हैं, कुछ लोग त्रिपुंड धारण करने लगते हैं, हनुमान चालीसा का पाठ करने लगते हैं और दुर्गा सप्तशती याद करने लगते हैं। जनता इस सच्चाई को भली-भांति जानती है।”

उन्होंने यह भी कहा कि धर्म और आस्था को राजनीति से अलग रखना चाहिए और इसका सम्मान सभी को करना चाहिए।

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव मार्च-अप्रैल 2026 में होने हैं। वर्तमान में राज्य में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस की सरकार है, जबकि भाजपा मुख्य विपक्षी दल है। ऐसे में महाकाल मंदिर की घोषणा को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है।

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