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सिख प्रतिनिधिमंडल ने जोरे साहिब पर पीएम मोदी को दी सिफारिशें, जानें ये पवित्र अवशेष क्या हैं?

सिख प्रतिनिधिमंडल ने जोरे साहिब अवशेषों के संरक्षण और प्रदर्शन के उपाय प्रधानमंत्री मोदी को सुझाए। मोदी ने इन्हें सिख इतिहास और भारत की सांस्कृतिक पहचान का अभिन्न हिस्सा बताया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि सिख प्रतिनिधिमंडल द्वारा प्रस्तुत ‘जोरे साहिब’ और अन्य पवित्र अवशेषों के संबंध में सुरक्षा और प्रदर्शन के उपायों पर सिफारिशें प्राप्त हुई हैं। उन्होंने इन पवित्र अवशेषों की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्ता पर जोर दिया।

मोदी ने कहा कि जोरे साहिब और अन्य पवित्र अवशेष केवल सिख इतिहास का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि यह हमारे राष्ट्र की सांस्कृतिक परंपरा और पहचान का भी अभिन्न अंग हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि इन अवशेषों की सुरक्षित रखरखाव और उचित प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए सरकार हर संभव कदम उठाएगी।

सिख प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री को रिपोर्ट सौंपते हुए सुझाव दिए कि जोरे साहिब को संरक्षित किया जाए, ताकि आने वाली पीढ़ियों को इसके धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व का सही अनुभव मिल सके। उन्होंने इसके लिए विशेष सुरक्षा उपाय, संग्रहण और संग्रहालय में प्रदर्शनी के तरीके सुझाए।

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जोरे साहिब सिख धर्म के पवित्र अवशेषों में से एक है और इसे धार्मिक श्रद्धा और ऐतिहासिक गौरव का प्रतीक माना जाता है। इन अवशेषों में गुरुओं से संबंधित पवित्र वस्तुएँ, हस्तलिखित ग्रंथ और अन्य धार्मिक सामग्री शामिल हो सकती है, जो सिख संस्कृति और आध्यात्मिकता को दर्शाती हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस प्रकार के प्रयास केवल धार्मिक सम्मान बढ़ाने के लिए नहीं हैं, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक एकता को भी मजबूत करते हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन सिफारिशों को शीघ्र लागू किया जाए।

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