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पहलगाम हमले के बाद पहली बड़ी यात्रा: भारतीय सिख तीर्थयात्री पाकिस्तान पहुंचे

पहलगाम हमले के बाद पहली बार 2,100 से अधिक भारतीय सिख तीर्थयात्री पाकिस्तान पहुंचे, जहां वे गुरु नानक देव जी की 556वीं जयंती मनाने 10 दिवसीय उत्सव में शामिल होंगे।

भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के बीच मंगलवार
(4 नवंबर 2025) को हलगाम हमले के बाद पहली बार भारतीय सिख तीर्थयात्री पाकिस्तान पहुंचे। यह यात्रा दोनों देशों के बीच बंद जमीनी सीमा के खुलने के बाद की पहली बड़ी धार्मिक आवाजाही मानी जा रही है।

पाकिस्तान के इस्लामाबाद स्थित उच्चायोग ने पिछले सप्ताह बताया था कि 2,100 से अधिक भारतीय सिखों को वीजा जारी किया गया है, ताकि वे गुरु नानक देव जी की 556वीं जयंती के अवसर पर आयोजित 10 दिवसीय उत्सव में शामिल हो सकें।

एएफपी पत्रकारों के अनुसार, तीर्थयात्री मंगलवार सुबह वाघा-अटारी सीमा पर कतारों में खड़े दिखाई दिए, कई लोग अपने सिर पर सामान रखे हुए थे। सीमा सुरक्षा बल (BSF) की निगरानी में उनकी एंट्री की प्रक्रिया पूरी की गई। पाकिस्तानी अधिकारियों ने सीमा पार करने वाले तीर्थयात्रियों का फूलों की माला और गुलाब की पंखुड़ियों से स्वागत किया

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सूत्रों के अनुसार, करीब 1,700 सिख श्रद्धालु पाकिस्तान में प्रवेश कर चुके हैं, जबकि शेष अगले कुछ दिनों में पहुंचेंगे। तीर्थयात्री बुधवार (5 नवंबर) को ननकाना साहिब—गुरु नानक देव जी के जन्मस्थान—में एकत्र होंगे और इसके बाद करतारपुर सहित अन्य पवित्र स्थलों का दर्शन करेंगे।

पाकिस्तान के उच्चायोग ने कहा कि यह निर्णय “धर्मों और संस्कृतियों के बीच सौहार्द और समझ बढ़ाने” के प्रयासों का हिस्सा है। हालांकि, 2019 में शुरू हुआ करतारपुर कॉरिडोर, जो बिना वीज़ा सिख श्रद्धालुओं को यात्रा की अनुमति देता था, मई में हुई हिंसा के बाद से अब भी बंद है।

यह यात्रा भारत-पाक संबंधों में एक आस्था आधारित संवाद की नई शुरुआत के रूप में देखी जा रही है।

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