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संसद में SIR पर बहस: लोकसभा में हंगामे के बाद केंद्र ने दिखाई चर्चा की तैयारी

SIR को लेकर संसद में जोरदार टकराव हुआ। केंद्र सरकार बहस को तैयार है, लेकिन विपक्ष समयसीमा चाहता है। मतदाता सूची पुनरीक्षण पर राजनीतिक विवाद लगातार बढ़ रहा है।

संसद के शीतकालीन सत्र में सोमवार को हुए राजनीतिक हंगामे के बाद केंद्र सरकार ने विपक्ष की इस मांग को स्वीकार कर लिया है कि चुनावी सुधारों, विशेषकर मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया पर विस्तृत चर्चा कराई जाए। सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस बहस के लिए समय का निर्धारण आज बिजनेस एडवाइजरी काउंसिल द्वारा किया जाएगा।

सोमवार को संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में कहा था कि सरकार SIR या चुनावी सुधारों पर चर्चा से पीछे नहीं है, लेकिन विपक्ष को किसी तय समयसीमा पर जोर नहीं देना चाहिए। हालांकि विपक्ष ने इस मांग को ठुकराते हुए सदन से वॉकआउट किया।

शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ही कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्षी दल SIR का कड़ा विरोध कर रहे हैं। उनका आरोप है कि हर राज्य में मतदाता सूची के पुनरीक्षण के नाम पर वैध मतदाताओं को गलत तरीके से सूची से हटाया जा रहा है, जिससे उनकी चुनावी संभावना प्रभावित हो सकती है। बिहार में पिछले महीने हुए चुनाव — जो SIR के बाद हुए और जिसमें भाजपा को भारी जीत मिली — को विपक्ष अपने आरोपों के समर्थन में पेश कर रहा है।

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विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा चुनाव आयोग के साथ मिलीभगत कर रही है, हालांकि दोनों ही पक्षों ने इन आरोपों से साफ इनकार किया है। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, जहां अदालत ने चुनाव आयोग के पक्ष में फैसला देते हुए कहा कि उसके पास सूची पुनरीक्षण का अधिकार है।

इस बीच कई बूथ-लेवल ऑफ़िसर्स (BLOs) के कथित दबाव में आत्महत्या के मामले या अचानक मौतों ने इस विवाद को और संवेदनशील बना दिया है। BLOs पर अत्यधिक दबाव की शिकायतें भी सामने आई हैं।

राज्यसभा में नौ विपक्षी सदस्यों द्वारा SIR चर्चा की मांग सहित दिए गए नोटिस को सभापति सी.पी. राधाकृष्णन ने अस्वीकार कर दिया, जिसके बाद सदन में भारी हंगामा देखने को मिला।

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