उत्तर प्रदेश के लिए SIR प्रक्रिया एक बार फिर बढ़ाई गई, नई तिथियां घोषित
निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश में SIR प्रक्रिया की समयसीमा फिर बढ़ाई, अब मसौदा मतदाता सूची 6 जनवरी और अंतिम सूची 6 मार्च 2026 को जारी होगी।
उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन – SIR) की प्रक्रिया को एक बार फिर आगे बढ़ा दिया गया है। भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) ने मंगलवार (30 दिसंबर 2025) को बताया कि अब संशोधित मतदाता सूची का मसौदा 6 जनवरी 2026 को प्रकाशित किया जाएगा, जबकि अंतिम मतदाता सूची 6 मार्च 2026 को जारी की जाएगी।
इससे पहले एसआईआर प्रक्रिया के तहत मसौदा मतदाता सूची 31 दिसंबर 2025 को प्रकाशित की जानी थी। हालांकि, पहले ही एक बार समय-सारिणी में बदलाव किया गया था और अब एक दिन पहले ही निर्वाचन आयोग ने नई तिथियों की घोषणा कर दी है। आयोग के अनुसार, यह निर्णय प्रशासनिक और तकनीकी कारणों के चलते लिया गया है ताकि पुनरीक्षण प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सटीक बनाया जा सके।
विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाता सूची को अद्यतन करना, अपात्र नामों को हटाना और योग्य मतदाताओं के नाम शामिल करना है। इसके तहत मृत मतदाताओं, स्थानांतरित लोगों और दोहरे नामों की पहचान की जाती है, वहीं नए पात्र मतदाताओं को सूची में जोड़ा जाता है।
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निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि मसौदा सूची के प्रकाशन के बाद आम नागरिकों को आपत्ति दर्ज कराने और दावे प्रस्तुत करने का पूरा अवसर दिया जाएगा। जिन मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं या जिनकी जानकारी में त्रुटि है, वे निर्धारित समय सीमा के भीतर आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन कर सकेंगे।
आयोग के मुताबिक, सभी आपत्तियों और दावों की जांच के बाद अंतिम मतदाता सूची 6 मार्च 2026 को प्रकाशित की जाएगी। यह सूची आगामी चुनावों के लिए आधार बनेगी।
राजनीतिक दलों और नागरिक संगठनों की ओर से एसआईआर प्रक्रिया पर लगातार नजर रखी जा रही है, क्योंकि इसका सीधा प्रभाव चुनावी प्रक्रिया और मतदाताओं के अधिकारों पर पड़ता है। निर्वाचन आयोग ने आश्वासन दिया है कि पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष, पारदर्शी और संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप होगी।
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