यूपी स्कूल विलय मामले में सुप्रीम कोर्ट की सलाह – संजय सिंह को हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाने का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने आप सांसद संजय सिंह को यूपी में 105 स्कूलों के विलय के खिलाफ याचिका के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने को कहा। सिंह ने इसे मनमाना और असंवैधानिक बताया।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (18 अगस्त, 2025) को आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को सलाह दी कि वे उत्तर प्रदेश में 105 सरकारी प्राथमिक स्कूलों के विलय के खिलाफ दायर अपनी याचिका के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख करें।
संजय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर राज्य सरकार की जून 2025 की कार्यकारी कार्रवाई को मनमानी और असंवैधानिक बताया। उनके अनुसार, स्कूलों का जोड़ा बनाकर उन्हें विलय करने के इस फैसले से शिक्षा के अधिकार पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है और हजारों बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
पीठ ने कहा कि यह मामला तथ्यात्मक और नीतिगत दोनों है, इसलिए हाईकोर्ट इसके परीक्षण के लिए अधिक उपयुक्त मंच होगा। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि हाईकोर्ट इस याचिका पर प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई कर सकता है और जरूरत पड़ने पर राज्य सरकार को जवाब देने के निर्देश दे सकता है।
संजय सिंह का आरोप है कि राज्य सरकार का यह कदम संविधान के अनुच्छेद 21-ए के तहत गारंटीकृत शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन करता है। उनका कहना है कि छोटे स्कूलों का जबरन विलय करने से गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को दूर-दराज के स्कूलों तक पहुंचने में कठिनाई होगी।
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यदि हाईकोर्ट हस्तक्षेप करता है, तो राज्य सरकार को अपने फैसले की समीक्षा करनी पड़ सकती है।