अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदा: सुप्रीम कोर्ट ने कहा— राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं, नई सामग्री पेश करे सीबीआई
सुप्रीम कोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड मामले में कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं हो सकता और सीबीआई से निलंबन रद्द हुई कंपनी के खिलाफ नए सबूत पेश करने को कहा।
अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदे से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को स्पष्ट कहा कि “देश की रक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता।” अदालत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कहा कि वह उस कंपनी के खिलाफ यदि कोई नया या ताजा सबूत एकत्र किया गया है तो उसे पेश करे, जिसे इस मामले में कथित संलिप्तता के चलते सरकारी कारोबार से निलंबित किया गया था।
यह टिप्पणी उस समय आई जब शीर्ष अदालत केंद्र सरकार की उस अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें 28 अगस्त 2025 के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में डिफसिस सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड पर लगाए गए निलंबन को रद्द कर दिया था। कंपनी पर आरोप था कि उसकी भूमिका अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदे में संदिग्ध रही है।
मुख्य न्यायाधीश सूर्य कांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि यदि किसी कंपनी की गतिविधियां देश की सुरक्षा से जुड़ी हैं, तो उन पर सख्त नजर रखना आवश्यक है। हालांकि, पीठ ने यह सवाल भी उठाया कि जब इस मामले में “मुख्य आरोपी” मानी जाने वाली अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी को पहले ही राहत दी जा चुकी है, तो ऐसे में सहयोगी कंपनी पर कारोबार से प्रतिबंध जारी रखना कितना उचित है।
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अदालत ने संकेत दिया कि केवल संदेह या पुराने आरोपों के आधार पर किसी कंपनी को लंबे समय तक निलंबित रखना न्यायसंगत नहीं हो सकता। साथ ही, पीठ ने सीबीआई को यह स्पष्ट करने के लिए कहा कि क्या हाई कोर्ट के आदेश के बाद कोई नया साक्ष्य सामने आया है, जो कंपनी के खिलाफ कार्रवाई को सही ठहरा सके।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का रुख यह दर्शाता है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा और निष्पक्ष न्याय—दोनों के बीच संतुलन बनाकर चलना चाहती है। अब इस प्रकरण में आगे की सुनवाई सीबीआई द्वारा प्रस्तुत नए तथ्यों पर निर्भर करेगी।
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