असम बीजेपी के साम्प्रदायिक वीडियो पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा
सुप्रीम कोर्ट 25 नवंबर को असम बीजेपी के एआई-जनित ‘साम्प्रदायिक’ वीडियो पर सुनवाई करेगा, जिसमें मुसलमानों को राज्य पर कब्जा करते दिखाया गया है। याचिकाकर्ताओं ने इसे भड़काऊ बताया।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (31 अक्टूबर 2025) को असम बीजेपी इकाई द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किए गए कथित साम्प्रदायिक वीडियो के खिलाफ दायर याचिका पर 25 नवंबर को सुनवाई करने पर सहमति जताई। यह वीडियो 15 सितंबर को ‘बीजेपी असम प्रदेश’ के आधिकारिक एक्स हैंडल से पोस्ट किया गया था।
याचिकाकर्ताओं – वरिष्ठ पत्रकार क़ुर्बान अली और पूर्व उच्च न्यायालय की न्यायाधीश अंजना प्रकाश – ने अधिवक्ता लज़ाफ़ीर अहमद के माध्यम से दाखिल अपनी याचिका में कहा है कि यह वीडियो एआई द्वारा तैयार किया गया है और इसमें “झूठा और भड़काऊ कथानक” प्रस्तुत किया गया है, जिसमें दिखाया गया है कि यदि बीजेपी सत्ता में नहीं रही तो असम पर मुसलमानों का कब्जा हो जाएगा।
याचिका में कहा गया है, “वीडियो का मुख्य संदेश यह है कि किसी राज्य का सबसे बुरा हाल यह हो सकता है कि उस पर मुसलमानों का नियंत्रण हो जाए, और इस भय का इस्तेमाल वोट हासिल करने के लिए किया जा रहा है।”
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वीडियो में असम के प्रमुख स्थलों — जैसे रंगघर और गुवाहाटी हवाई अड्डा — की पृष्ठभूमि में टोपी और बुर्का पहने पुरुषों और महिलाओं को दिखाया गया है, और अंत में लिखा गया है: “अपने वोट सोच-समझकर दें।”
याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि यह वीडियो न केवल मुसलमानों को बदनाम और अमानवीय रूप में पेश करता है, बल्कि यह नफरत फैलाने और साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा देने का प्रयास भी है।