एसआईआर गणना प्रपत्र जमा करने की तारीख बढ़ाने पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करे ईसीआई: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने ईसीआई से एसआईआर 2026 के तहत गणना प्रपत्र जमा करने की तारीख बढ़ाने पर जमीनी हालात देखते हुए सहानुभूतिपूर्वक विचार करने को कहा।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (18 दिसंबर, 2025) को निर्वाचन आयोग (ईसीआई) से कहा कि वह मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन—एसआईआर) 2026 के तहत गणना (एन्यूमरेशन) प्रपत्रों को जमा करने की अंतिम तिथि बढ़ाने से संबंधित याचिकाओं पर “सहानुभूतिपूर्वक” विचार करे। शीर्ष अदालत ने यह निर्देश विभिन्न राज्यों—विशेषकर उत्तर प्रदेश और केरल—में मौजूद “जमीनी हकीकत” को ध्यान में रखते हुए दिया।
न्यायालय ने कहा कि एसआईआर जैसी व्यापक प्रक्रिया में कई स्तरों पर प्रशासनिक, भौगोलिक और सामाजिक चुनौतियां सामने आती हैं। ऐसे में समय-सीमा तय करते समय राज्यों में फील्ड स्तर पर कार्यरत अधिकारियों और मतदाताओं को होने वाली व्यावहारिक कठिनाइयों को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। कोर्ट ने संकेत दिया कि जहां आवश्यक हो, वहां आयोग को लचीलापन दिखाना चाहिए, ताकि कोई भी पात्र मतदाता सूची से वंचित न रह जाए।
अदालत ने यह भी कहा कि एसआईआर का उद्देश्य मतदाता सूची को अधिक सटीक, समावेशी और अद्यतन बनाना है। इसलिए प्रक्रिया के दौरान पारदर्शिता और व्यावहारिकता दोनों का संतुलन जरूरी है। सुनवाई के दौरान यह मुद्दा सामने आया कि कुछ राज्यों में समय-सीमा कम होने के कारण गणना प्रपत्रों के समय पर जमा होने में दिक्कतें आ रही हैं।
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केरल के संदर्भ में, निर्वाचन कार्यक्रम में पहले ही संशोधन किया जा चुका है। राज्य में गणना की अंतिम तिथि बढ़ाकर गुरुवार, 18 दिसंबर कर दी गई थी, जबकि प्रारूप मतदाता सूची 23 दिसंबर को प्रकाशित की जानी है। वहीं, उत्तर प्रदेश में भी संशोधित कार्यक्रम के तहत गणना प्रपत्र जमा करने की अंतिम तिथि 26 दिसंबर तय की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की आगे की सुनवाई की तारीख भी सूचीबद्ध की है, ताकि आयोग द्वारा उठाए गए कदमों और राज्यों की स्थिति की समीक्षा की जा सके। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया की मजबूती के लिए सभी पात्र नागरिकों का नाम मतदाता सूची में शामिल होना अत्यंत आवश्यक है।
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