जम्मू-कश्मीर राज्य का दर्जा बहाल करने की याचिकाओं पर सुनवाई की तारीख आगे बढ़ाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार किया
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर राज्य का दर्जा बहाल करने संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई की तारीख आगे बढ़ाने से इनकार किया। केंद्र को आठ सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई की तारीख आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया है। न्यायमूर्ति बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने स्पष्ट किया कि निर्धारित तारीख से पहले इस मामले की सुनवाई नहीं होगी।
इससे पहले, 14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से आठ सप्ताह के भीतर इस संबंध में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। यह निर्देश उस अलग याचिका पर दिया गया था जिसमें जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने के फैसले को चुनौती दी गई थी और राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की गई थी।
याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष अदालत से अनुरोध किया था कि इस मामले की सुनवाई जल्द की जाए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रक्रिया के अनुसार ही मामले को सुना जाएगा और जल्दबाज़ी में कोई बदलाव नहीं होगा। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार के जवाब दाखिल करने के बाद ही आगे की कार्यवाही होगी।
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इस मुद्दे का संबंध 2019 के उस फैसले से है, जिसमें अनुच्छेद 370 को हटाकर जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया गया था और इसे केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया था। इस फैसले के खिलाफ कई याचिकाएं दायर की गई हैं, जिनमें राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की गई है।
सुप्रीम कोर्ट के इस रुख से संकेत मिलता है कि सुनवाई निर्धारित समयसीमा के अनुसार ही आगे बढ़ेगी और इसमें कोई त्वरित बदलाव नहीं होगा।
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