मुल्लापेरियार बांध पर नया बांध बनाने की याचिका: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, केरल, तमिलनाडु और एनडीएमए को नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने मुल्लापेरियार बांध पर नया बांध बनाने की याचिका पर केंद्र, केरल, तमिलनाडु और एनडीएमए को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा।
सुप्रीम कोर्ट ने मुल्लापेरियार बांध के स्थान पर एक नया बांध बनाने की मांग करने वाली जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, केरल और तमिलनाडु सरकारों तथा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) को नोटिस जारी किया है।
याचिका में कहा गया है कि मुल्लापेरियार बांध की संरचना अब पुरानी और असुरक्षित हो चुकी है, जिससे लाखों लोगों के जीवन और संपत्ति को खतरा है। याचिकाकर्ता का तर्क है कि इस 19वीं सदी में निर्मित बांध को बदलने के लिए एक आधुनिक, भूकंपरोधी संरचना वाला नया बांध बनाया जाना आवश्यक है।
मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि मामला गंभीर सार्वजनिक हित से जुड़ा है और सभी संबंधित पक्षों का पक्ष सुना जाएगा। अदालत ने केंद्र सरकार और संबंधित राज्यों को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
केरल सरकार लंबे समय से यह मांग कर रही है कि मुल्लापेरियार बांध, जो इडुक्की ज़िले में स्थित है, अपनी आयु पूरी कर चुका है और भारी बारिश या भूकंप की स्थिति में खतरा उत्पन्न कर सकता है। वहीं, तमिलनाडु सरकार का कहना है कि बांध पूरी तरह सुरक्षित है और उसकी निगरानी लगातार की जा रही है।
एनडीएमए को अदालत ने निर्देश दिया है कि वह इस बांध से संभावित जोखिमों और आपदा प्रबंधन उपायों पर एक विस्तृत रिपोर्ट पेश करे।
सुप्रीम कोर्ट की यह पहल मुल्लापेरियार विवाद में एक नया मोड़ ला सकती है, जो दशकों से दोनों राज्यों के बीच तनाव का कारण रहा है।
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