आवारा कुत्तों के मामले में सुप्रीम कोर्ट सख्त, राज्यों के मुख्य सचिवों को किया तलब
सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के आदेशों का पालन न करने पर कई राज्यों के मुख्य सचिवों को 3 नवंबर को तलब किया है और एबीसी नियमों पर रिपोर्ट मांगी है।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (27 अक्टूबर, 2025) को आवारा कुत्तों के मामले में कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा उसके आदेशों का पालन न करने पर कड़ी नाराजगी जताई। अदालत ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों — पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली नगर निगम को छोड़कर — को 3 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया है।
यह निर्देश सुप्रीम कोर्ट के 22 अगस्त के उस आदेश के अनुपालन में आया है, जिसमें अदालत ने कहा था कि नसबंदी, कृमिनाशक उपचार और टीकाकरण के बाद आवारा कुत्तों को उसी क्षेत्र में छोड़ा जाए, जहां से उन्हें पकड़ा गया था। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया था कि यह प्रक्रिया ‘एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) नियम, 2023’ के तहत होनी चाहिए, जो ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960’ के तहत बनाए गए हैं।
तीन न्यायाधीशों की पीठ — न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, संदीप मेहता और एन.वी. अंजारिया — ने सुनवाई के दौरान पाया कि कई राज्यों ने न तो अनुपालन रिपोर्ट दाखिल की है और न ही अदालत के निर्देशों पर कोई ठोस कार्रवाई की है। अदालत ने कहा कि यह गंभीर लापरवाही है और पशु कल्याण के लिए बनाए गए कानूनों की अवहेलना बर्दाश्त नहीं की जा सकती।
और पढ़ें: सीजेआई गवई ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत को अगला मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से कहा कि वे स्पष्ट करें कि एबीसी नियमों को लागू करने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं और भविष्य में उनकी प्रभावी क्रियान्वयन की क्या योजना है।
और पढ़ें: उमर खालिद और शरजील इमाम की ज़मानत याचिकाओं पर सुनवाई 31 अक्टूबर तक टली