वक्फ़ अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत: किरेन रिजिजू
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ़ अधिनियम की कई धाराओं पर रोक लगाई। किरेन रिजिजू ने इसे लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत बताया, जबकि राजनीतिक और धार्मिक हलकों में बहस तेज हो गई।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा वक्फ़ (संशोधन) अधिनियम 2025 की कई महत्वपूर्ण धाराओं पर रोक लगाने के फैसले पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि यह लोकतंत्र के लिए एक सकारात्मक और शुभ संकेत है।
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दिए अपने आदेश में अधिनियम की उन प्रावधानों पर रोक लगाई है, जिनमें यह शर्त शामिल थी कि कोई भी व्यक्ति केवल तभी संपत्ति को वक्फ़ घोषित कर सकता है जब वह पिछले पांच वर्षों से इस्लाम धर्म का पालन कर रहा हो। अदालत ने माना कि ऐसे प्रावधान नागरिकों के मौलिक अधिकारों और समानता के सिद्धांत का उल्लंघन कर सकते हैं।
रिजिजू ने कहा कि यह निर्णय दिखाता है कि भारत का लोकतंत्र जीवंत और सशक्त है, जहां न्यायपालिका नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने में निर्णायक भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट का आदेश केवल कानूनी नहीं बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा का प्रतीक है। यह फैसला हर नागरिक को यह भरोसा दिलाता है कि उसके अधिकार सुरक्षित हैं।”
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इस आदेश को लेकर राजनीतिक हलकों में भी चर्चाएं तेज हो गई हैं। कुछ विपक्षी दलों ने कहा कि यह फैसला धार्मिक संस्थाओं की जवाबदेही सुनिश्चित करेगा, वहीं कई मुस्लिम संगठनों ने चिंता जताई है कि इससे वक्फ़ संपत्तियों पर असर पड़ सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला आगे भी राजनीतिक और सामाजिक विमर्श का केंद्र बना रहेगा, क्योंकि वक्फ़ संपत्तियां भारत में धार्मिक और सामाजिक ढांचे का एक अहम हिस्सा हैं।