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चौराहे पर आई टी उद्योग: टीसीएस छंटनी से बढ़ी आशंकाएं

टीसीएस द्वारा 2% कर्मचारियों की छंटनी से आईटी क्षेत्र में अनिश्चितता बढ़ी। उद्योग एआई और स्वचालन को जिम्मेदार ठहरा रहा है, विशेषज्ञों ने कौशल विकास और अनुकूलन की आवश्यकता पर जोर दिया।

आईटी दिग्गज कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ (टीसीएस) द्वारा हाल ही में अपने वैश्विक कार्यबल के 2% कर्मचारियों को हटाने की घोषणा ने पूरे उद्योग में हलचल मचा दी है। केवल कर्नाटक में ही 20 लाख से अधिक आईटी/आईटीईएस कर्मचारियों के बीच यह खबर गहरी चिंता का कारण बन गई है।

विशेषज्ञों का मानना है कि टीसीएस में जो हो रहा है, वह उद्योग में आने वाले बड़े बदलावों का संकेत है। कई कर्मचारियों का कहना है कि इस छंटनी से भविष्य की नौकरी सुरक्षा को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है। वहीं, उद्योग जगत का एक बड़ा वर्ग इस गिरावट के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के तेजी से प्रसार को जिम्मेदार ठहरा रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार, एआई तकनीकों के कारण कई प्रक्रियाएं स्वत: संचालित हो रही हैं, जिससे कंपनियों को बड़े पैमाने पर मानव संसाधन की जरूरत नहीं रह गई है। इसके अलावा, वैश्विक आर्थिक मंदी और लागत घटाने के दबाव ने भी कंपनियों को कठिन फैसले लेने पर मजबूर किया है।

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कई कर्मचारियों का कहना है कि यह केवल शुरुआत है और आने वाले समय में आईटी क्षेत्र में और बड़ी छंटनी हो सकती है। उद्योग विशेषज्ञों का सुझाव है कि कर्मचारियों को लगातार कौशल विकास और नई तकनीकों के अनुकूल बनने की जरूरत है, ताकि वे बदलते परिदृश्य में प्रासंगिक बने रह सकें।

टीसीएस का यह कदम पूरे आईटी उद्योग के लिए चेतावनी माना जा रहा है कि स्वचालन और एआई के दौर में पारंपरिक नौकरी भूमिकाएं तेजी से बदल रही है।

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