दुबई में तेजस विमान दुर्घटना से निर्यात संभावनाओं पर उठे सवाल, विशेषज्ञों ने जल्दबाज़ी में निष्कर्ष न निकालने की दी सलाह
दुबई एयर शो में तेजस विमान दुर्घटना के बाद निर्यात संभावनाओं पर सवाल उठे, लेकिन विशेषज्ञों ने जांच रिपोर्ट से पहले किसी निष्कर्ष पर न पहुंचने की सलाह दी है।
दुबई एयर शो के दौरान भारतीय वायुसेना (IAF) के तेजस लड़ाकू विमान की हालिया दुर्घटना ने सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा और अटकलों को जन्म दे दिया है। कई उपयोगकर्ताओं ने इस हादसे को भारत के प्रमुख रक्षा निर्यात प्लेटफ़ॉर्म के लिए एक संभावित झटका बताया है। तेजस विमान, जिसे भारत ने स्वदेशी तकनीक के जरिए विकसित किया है, कई देशों के लिए एक संभावित निर्यात विकल्प माना जाता रहा है। ऐसे में इस दुर्घटना ने स्वाभाविक रूप से इसकी भविष्य की निर्यात संभावनाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हालांकि, एविएशन विशेषज्ञों ने इस विषय पर जल्दबाज़ी में किसी तरह का निष्कर्ष निकालने से बचने की सलाह दी है। उनका कहना है कि दुर्घटना के वास्तविक कारणों पर टिप्पणी तब तक उपयुक्त नहीं होगी, जब तक भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की संयुक्त जांच रिपोर्ट सामने नहीं आती। विशेषज्ञों के अनुसार, विमानन क्षेत्र में दुर्घटनाओं की जांच अत्यंत जटिल और बहुआयामी होती है, जिसमें तकनीकी खामियों से लेकर मानव त्रुटियों तक, हर पहलू का विश्लेषण जरूरी होता है।
रविवार को भारतीय वायुसेना की एक विशेष टीम दुबई पहुंची, जो UAE के अधिकारियों के साथ मिलकर दुर्घटना की विस्तृत जांच कर रही है। अब तक जांच में किसी तरह की साजिश या बाहरी हस्तक्षेप के संकेत नहीं मिले हैं। बावजूद इसके, सोशल मीडिया पर चर्चा लगातार तेज हो रही है, जिसमें उपयोगकर्ता तेजस के तकनीकी प्रदर्शन और सुरक्षा रिकॉर्ड को लेकर विचार व्यक्त कर रहे हैं।
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विशेषज्ञों का कहना है कि तेजस विश्व स्तर पर एक प्रतिस्पर्धी और अत्याधुनिक प्लेटफ़ॉर्म है, और एक दुर्घटना के आधार पर इसके भविष्य का मूल्यांकन नहीं किया जाना चाहिए। जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट तस्वीर सामने आ पाएगी।
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