तेजपुर विश्वविद्यालय में कुलपति हटाने की मांग, छात्रों और कर्मचारियों का नौ घंटे का भूख हड़ताल प्रदर्शन
तेजपुर विश्वविद्यालय में कुलपति शंभु नाथ सिंह को हटाने की मांग को लेकर छात्रों और कर्मचारियों ने नौ घंटे की भूख हड़ताल की। शिक्षा मंत्रालय की चुप्पी के खिलाफ आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी गई।
तेजपुर विश्वविद्यालय के छात्रों और कर्मचारियों ने सोमवार (15 दिसंबर 2025) को नौ घंटे की भूख हड़ताल कर शिक्षा मंत्रालय (MoE) से अपनी मांगों पर तत्काल कार्रवाई की अपील की। प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांग कथित वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के चलते विश्वविद्यालय के कुलपति शंभु नाथ सिंह को तत्काल पद से हटाने की है। यह भूख हड़ताल सुबह 9 बजे शुरू हुई और तेजपुर यूनिवर्सिटी यूनाइटेड फोरम (टीयूयूएफ) के बैनर तले आयोजित की गई, जो छात्रों, शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों का संयुक्त मंच है।
विश्वविद्यालय नवंबर के अंत से ही आंदोलनकारियों द्वारा लागू किए गए शटडाउन के कारण प्रभावित है। हालांकि, पिछले सप्ताह से सेमेस्टर अंत परीक्षाओं के आयोजन के लिए सीमित ढील दी गई है। टीयूयूएफ ने अपने बयान में कहा कि यह हड़ताल शिक्षा मंत्रालय की “लंबे समय से चली आ रही चुप्पी” के खिलाफ है, जबकि समुदाय लगातार आंदोलन और अपीलें कर रहा है।
टीयूयूएफ ने यह भी सवाल उठाया कि 6 दिसंबर को दिए गए आश्वासनों के बावजूद मंत्रालय ने अब तक कोई ठोस समाधान नहीं दिया है। उल्लेखनीय है कि 6 दिसंबर को शिक्षा मंत्रालय का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल, सचिव विनीत जोशी के नेतृत्व में, विश्वविद्यालय पहुंचा था। छात्रों द्वारा गेट बंद किए जाने के कारण प्रतिनिधिमंडल को देर रात तक परिसर में ही रहना पड़ा। बाद में उच्च शिक्षा विभाग की संयुक्त सचिव सौम्या गुप्ता द्वारा लिखित आश्वासन दिए जाने के बाद प्रतिनिधिमंडल को जाने दिया गया, जिसमें कहा गया था कि जांच पूरी होने तक कुलपति को किसी भी तरह का दायित्व नहीं सौंपा जाएगा।
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टीयूयूएफ ने स्पष्ट किया कि शैक्षणिक और प्रशासनिक सामान्य स्थिति बहाल करने की जिम्मेदारी शिक्षा मंत्रालय की है। मंच ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र निर्णायक कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। प्रदर्शनकारी कुलपति को हटाने, निष्पक्ष उच्चस्तरीय जांच और उन्हें प्रशासनिक अवकाश पर भेजने की मांग पर अड़े हुए हैं।
ब्रह्मपुत्र के उत्तरी तट पर सोनितपुर जिले में स्थित यह केंद्रीय विश्वविद्यालय 29 नवंबर से पूर्ण शटडाउन में है। आंदोलनकारियों का आरोप है कि कुलपति के कार्यकाल में न केवल वित्तीय अनियमितताएं हुईं, बल्कि वनों की कटाई भी कराई गई। इसके अलावा, सितंबर के मध्य से ही माहौल तनावपूर्ण है, जब छात्रों ने कुलपति पर सांस्कृतिक प्रतीक जुबीन गर्ग के निधन के समय असंवेदनशील रवैया अपनाने का आरोप लगाया था।
वरिष्ठतम संकाय सदस्य ध्रुब कुमार भट्टाचार्य ने 5 दिसंबर को तेजपुर विश्वविद्यालय अधिनियम, 1993 का हवाला देते हुए स्वयं कार्यवाहक कुलपति का पद संभाला था। उनके अनुरोध पर छात्रों ने 11 दिसंबर से परीक्षाओं में बैठने पर सहमति दी, हालांकि अन्य गतिविधियां अब भी बंद हैं। इस बीच, 22 सितंबर की घटना के बाद से कुलपति शंभु नाथ सिंह परिसर से दूर हैं।
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