थाईलैंड और कंबोडिया के बीच हिंदू मंदिर को लेकर संघर्ष, 43 से अधिक मौतें
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच हिंदू मंदिर को लेकर पांच दिन तक संघर्ष हुआ, जिसमें 43 से अधिक की मौतें हुईं; अस्थिर संघर्षविराम पर सहमति बनी।
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच पांच दिनों तक चले संघर्ष के बाद एक अस्थिर संघर्षविराम पर सहमति बनी है। इन झड़पों में दोनों पक्षों के कम से कम 43 लोगों की मौत हुई है। इस विवाद का केंद्र एक प्राचीन हिंदू मंदिर है, जिसे लेकर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है।
थाईलैंड की सेना ने 31 जुलाई, 2025 को कहा कि इन भयावह हमलों के पीछे कंबोडिया की सरकार है, जिसका नेतृत्व समदेच अक्का मोहा सेना पडेई टेको हुन सेन कर रहे हैं। थाईलैंड की सेना ने पूर्व प्रधानमंत्री हुन सेन को इस सीमा संघर्ष में सक्रिय भूमिका निभाने का आरोप लगाया है।
72 वर्षीय हुन सेन, जो पहले एक गुरिल्ला योद्धा रहे हैं, सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें साझा करते रहे हैं जिनमें वे विस्तृत मानचित्रों को देख रहे हैं और हाथ में रेडियो सेट लिए हुए हैं। उन्होंने देश की सैन्य प्रतिक्रिया की कमान संभाली है, क्योंकि कंबोडिया ने थाईलैंड की सीमा के पास रहने वाले नागरिक इलाकों में तोपखाने से हमला किया।
इस मंदिर का इतिहास दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है और इसे लेकर संप्रभुता के दावे टकरा रहे हैं। विवाद ने सीमा पर तनाव को बढ़ा दिया है और दोनों देशों के बीच राजनीतिक व सैन्य रिश्तों में खटास आई है।
हालांकि संघर्षविराम की घोषणा हुई है, लेकिन यह अभी भी अस्थिर है और दोनों पक्ष सतर्क बने हुए हैं। इस विवाद का समाधान दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण होगा ताकि क्षेत्र में शांति बनी रहे।
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