त्रिपुरा छात्र की हत्या पर NHRC सख्त, देहरादून DM और SSP को नोटिस
देहरादून में त्रिपुरा छात्र की नस्लीय हमले में मौत पर NHRC ने DM-SSP को नोटिस जारी किया, सात दिन में रिपोर्ट मांगी और पूर्वोत्तर छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में त्रिपुरा के एक छात्र की कथित नस्लीय हमले में हुई हत्या के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने सख्त रुख अपनाया है। आयोग ने देहरादून के जिला मजिस्ट्रेट (DM) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) को नोटिस जारी कर मामले की जांच के निर्देश दिए हैं और सात दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट तलब की है।
NHRC ने यह भी कहा है कि मामले की कार्यवाही की प्रति उत्तराखंड के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को भेजी जाए। इसके साथ ही आयोग ने राज्य में पूर्वोत्तर क्षेत्र से आने वाले छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं।
मृतक की पहचान 24 वर्षीय अंजेल चकमा के रूप में हुई है, जो देहरादून की एक निजी यूनिवर्सिटी में एमबीए के अंतिम वर्ष का छात्र था। 9 दिसंबर को उस पर कुछ युवकों ने कथित तौर पर चाकू और कड़े से हमला किया था। गंभीर रूप से घायल अंजेल की 26 दिसंबर को 17 दिनों तक अस्पताल में इलाज के बाद मौत हो गई।
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अंजेल के पिता, जो वर्तमान में मणिपुर के तांगजेंग में तैनात बीएसएफ जवान हैं, ने आरोप लगाया कि उनके बेटे पर तब हमला किया गया जब वह अपने भाई का बचाव कर रहा था, जिसे हमलावर नस्लीय गालियां दे रहे थे। पिता के अनुसार, अंजेल ने हमलावरों से कहा था कि वह “भारतीय है, चीनी नहीं”, लेकिन इसके बावजूद उस पर चाकू और कुंद वस्तुओं से हमला किया गया।
NHRC के सदस्य प्रियंक कानूनगो की अध्यक्षता वाली पीठ ने मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 12 के तहत इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया है। आयोग का कहना है कि यह घटना जीवन, गरिमा और समानता के अधिकार का गंभीर उल्लंघन है और देशभर में आक्रोश का कारण बनी है।
सोमवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने छात्र के पिता से बात कर आरोपियों को सख्त सजा दिलाने का आश्वासन दिया। वहीं, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने पूर्वोत्तर के लोगों के खिलाफ “हेट क्राइम” रोकने के लिए व्यापक कदम उठाने की मांग की है।