×
 

यूनीसेफ: दुनिया के 40 करोड़ बच्चे दो महत्वपूर्ण सुविधाओं से वंचित, भारत गरीबी घटाने के लक्ष्य पर अग्रसर

यूनीसेफ की नई रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के 40 करोड़ बच्चे दो महत्वपूर्ण सुविधाओं से वंचित हैं। भारत बच्चों में बहुआयामी गरीबी कम करने के लक्ष्य की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

विश्व बाल दिवस के अवसर पर गुरुवार (20 नवंबर 2025) को जारी यूनिसेफ की प्रमुख रिपोर्ट स्टेट ऑफ वर्ल्ड्स चिल्ड्रेन 2025: एंडिंग चाइल्ड पॉवर्टी – आवर शेयरड इम्पेरेटिव के अनुसार, निम्न और मध्यम आय वाले देशों में हर पाँच में से एक बच्चा—यानी विश्वभर के लगभग 40 करोड़ बच्चे—कम से कम दो ऐसी आवश्यक सुविधाओं से वंचित हैं, जो उनके स्वास्थ्य, विकास और कल्याण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

रिपोर्ट में बताया गया है कि शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं, सुरक्षित पेयजल, पौष्टिक भोजन, स्वच्छता और सुरक्षित आवास जैसे बुनियादी संसाधनों तक पहुंच न होना बच्चों के विकास पर गहरा असर डालता है। यूनिसेफ ने चेतावनी दी कि बच्चों में बहुआयामी गरीबी न केवल तत्काल नुकसान पहुंचाती है, बल्कि उनके भविष्य और पूरे समाज के विकास को भी प्रभावित करती है।

भारत में यूनिसेफ की प्रतिनिधि सिंथिया मैककैफ्री ने कहा कि भारत में 18 वर्ष से कम आयु के लगभग 46 करोड़ बच्चे रहते हैं, जो विश्व के सबसे बड़े बाल जनसंख्या समूहों में से एक है। उन्होंने भारत में गरीबी कम करने के प्रयासों की सराहना की और कहा कि भारत अपने प्रमुख कल्याणकारी कार्यक्रमों के जरिए बच्चों में निवेश बढ़ाने में सफल रहा है।

और पढ़ें: गाज़ा में बच्चों के टीकाकरण के लिए ज़रूरी एक मिलियन सिरिंज रोक रहा है इज़रायल : यूनिसेफ़

उन्होंने यह भी बताया कि भारत संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य (SDG) 1.2 को 2030 से पहले हासिल करने की दिशा में सही मार्ग पर है। SDG 1.2 का लक्ष्य है—“पुरुषों, महिलाओं और बच्चों सहित सभी आयु समूहों में बहुआयामी गरीबी में रहने वालों की संख्या को राष्ट्रीय मानकों के अनुसार कम से कम आधा करना।”

मैककैफ्री के अनुसार, भारत की प्रगति इस बात का संकेत है कि सही नीतियों और लक्षित निवेश के साथ बच्चों में गरीबी को बड़े पैमाने पर कम किया जा सकता है।

और पढ़ें: स्थानीय ट्रेन में भाषा विवाद पर पिटाई के बाद छात्र ने की आत्महत्या, ठाणे में दर्दनाक घटना

 
 
 
Gallery Gallery Videos Videos Share on WhatsApp Share