रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर अमेरिकी पाबंदियाँ, भारत पर 50% शुल्क लागू
अमेरिका ने रूसी तेल खरीदने पर भारत पर 50% शुल्क लागू किया। ट्रंप प्रशासन ने 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाते हुए कहा कि ऐसे कदम रूस की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचाएंगे।
अमेरिकी ट्रेज़री प्रमुख ने चेतावनी दी है कि रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर लगाए गए अतिरिक्त प्रतिबंध (Secondary Sanctions) मास्को की अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान पहुँचा सकते हैं। इस संदर्भ में ट्रंप प्रशासन ने भारत सहित कई देशों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं।
प्रशासन ने घोषणा की है कि भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद पर अब 50% तक शुल्क (Tariff) लगाया जाएगा। दरअसल, पहले ही भारत पर 25% पारस्परिक शुल्क (Reciprocal Tariff) लगाया जा चुका था। इसके अतिरिक्त 25% नया शुल्क जोड़कर कुल दर अब 50% हो गई है, जो 27 अगस्त से लागू हो गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों पर असर पड़ सकता है। भारत ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए रूस से कच्चे तेल का आयात करता रहा है और हाल के वर्षों में इसमें उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। वहीं, अमेरिका का मानना है कि रूस से होने वाला यह व्यापार उसकी अर्थव्यवस्था को मजबूती देता है और यूक्रेन युद्ध के बीच मास्को को वित्तीय राहत पहुँचाता है।
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अमेरिकी ट्रेज़री प्रमुख ने कहा कि अगर और अधिक सेकेंडरी सैंक्शन लगाए जाते हैं, तो रूस की राजस्व आय पर गहरा असर पड़ेगा और उसकी युद्धक क्षमता कमजोर होगी। उनका यह भी दावा है कि इन कदमों से अन्य देशों को चेतावनी मिलेगी कि रूस से व्यापार करना महंगा साबित हो सकता है।
भारत ने अभी तक इस पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह शुल्क भारत के ऊर्जा क्षेत्र और उपभोक्ताओं दोनों पर दबाव बढ़ा सकता है। आने वाले समय में इस मुद्दे पर कूटनीतिक वार्ता तेज होने की संभावना है।
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