उम्मीद पोर्टल पर वक्फ संपत्तियों के डिजिटल पंजीकरण में उत्तर प्रदेश देश में अव्वल
‘उम्मीद’ पोर्टल पर 92,832 वक्फ संपत्तियों के डिजिटल पंजीकरण के साथ उत्तर प्रदेश देश में शीर्ष पर रहा, जिससे पारदर्शिता और बेहतर प्रबंधन को बढ़ावा मिलेगा।
केंद्र सरकार के ‘यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, एम्पावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट (UMEED)’ पोर्टल पर वक्फ संपत्तियों के डिजिटल पंजीकरण में उत्तर प्रदेश ने देशभर में पहला स्थान हासिल किया है। राज्य सरकार के अनुसार, तय समय-सीमा के भीतर उत्तर प्रदेश में कुल 92,832 वक्फ संपत्तियों का ऑनलाइन पंजीकरण सफलतापूर्वक पूरा किया गया।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने 6 जून 2025 को सभी राज्यों को निर्देश दिया था कि वे 5 दिसंबर 2025 तक वक्फ संपत्तियों का ‘उम्मीद’ पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण सुनिश्चित करें। हालांकि बाद में इस समय-सीमा को छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया, लेकिन उत्तर प्रदेश ने निर्धारित समय से पहले ही यह प्रक्रिया पूरी कर ली।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में पंजीकृत कुल वक्फ संपत्तियों में 86,347 सुन्नी वक्फ और 6,485 शिया वक्फ संपत्तियां शामिल हैं। ‘उम्मीद’ पोर्टल पर उपलब्ध राष्ट्रीय आंकड़ों के अनुसार, यह संख्या देश के किसी भी अन्य राज्य की तुलना में सबसे अधिक है।
और पढ़ें: जल जीवन मिशन में गड़बड़ियों की सर्वाधिक शिकायतें यूपी से, 17,000 से अधिक मामलों की रिपोर्ट
राज्य सरकार ने बताया कि जिला स्तर पर चलाए गए जागरूकता अभियानों और प्रशासनिक सहयोग के चलते अधिकांश मुतवल्लियों (वक्फ संपत्तियों के प्रबंधकों) ने समय पर पंजीकरण कराया। जिला-वार आंकड़ों में शिया वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण में लखनऊ 625 प्रविष्टियों के साथ पहले स्थान पर रहा, इसके बाद अमरोहा (539) और मेरठ (533) का स्थान रहा।
वहीं, सुन्नी वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण में बाराबंकी 4,940 संपत्तियों के साथ शीर्ष पर रहा। इसके बाद सीतापुर और आजमगढ़ का स्थान रहा। बिजनौर, मुरादाबाद, सहारनपुर, मेरठ और जौनपुर भी अग्रणी जिलों में शामिल रहे।
अधिकारियों का कहना है कि डिजिटल पंजीकरण की यह पहल वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाएगी, दुरुपयोग को रोकने में मदद करेगी और इनके संरक्षण व विकास को सुगम बनाएगी।
और पढ़ें: नोएडा में प्रेमी ने विवाद के बाद महिला की गोली मारकर हत्या