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उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव जल्द से जल्द कराए जाएंगे: संविधान

संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति पद रिक्त होने की स्थिति में चुनाव जल्द से जल्द कराए जाने चाहिए। जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद अब नया उपराष्ट्रपति चुनना अनिवार्य हो गया है।

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से पद से इस्तीफा देने के बाद, संविधान के प्रावधानों के अनुसार इस पद के लिए नया चुनाव जल्द से जल्द कराया जाना अनिवार्य है। संविधान यह सुनिश्चित करता है कि उपराष्ट्रपति जैसे उच्च संवैधानिक पद पर लंबी अवधि तक रिक्तता न रहे, ताकि कार्यपालिका और विधायिका के बीच संतुलन और संरचना बनी रहे।

संविधान के अनुच्छेद 66 और अन्य संबंधित प्रावधानों के तहत, उपराष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सभी निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं। यह चुनाव गुप्त मतदान और एकल संक्रमणीय मत प्रणाली के माध्यम से होता है।

चूंकि उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति का कार्यभार भी संभालते हैं, इस पद का शीघ्र भरना संसद के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक है। वर्तमान में, जब संसद का मानसून सत्र चल रहा है, तब उपराष्ट्रपति का इस्तीफा राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हो गया है।

चुनाव आयोग जल्द ही उपराष्ट्रपति पद के चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है। इस पद के लिए संभावित उम्मीदवारों को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है, और विभिन्न दल अपने-अपने स्तर पर तैयारियों में जुट गए हैं।

संविधान का यह प्रावधान सुनिश्चित करता है कि देश के शीर्ष संवैधानिक पदों पर समय पर नियुक्ति हो और प्रशासनिक कार्यों में कोई रुकावट न आए।

 
 
 
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