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विश्व-भारती विश्वविद्यालय पहली बार उद्योग जगत से सीधा सेतु बनाने की तैयारी में

विश्व-भारती विश्वविद्यालय पहली बार शिक्षा और उद्योग के बीच औपचारिक साझेदारी की दिशा में कदम बढ़ा रहा है, जिससे छात्रों को बेहतर रोजगार अवसर मिल सकें।

रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित विश्व-भारती विश्वविद्यालय, जो पश्चिम बंगाल का एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय है, अपनी 100 से अधिक वर्षों की इतिहास में पहली बार शिक्षा और उद्योग के बीच सीधा सेतु (ब्रिज) बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। इस पहल का उद्देश्य छात्रों के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देना है।

विश्वविद्यालय इस नई पहल को कॉन्फ्लुएंस 2025” (Confluence 2025) नामक कार्यक्रम के माध्यम से आगे बढ़ा रहा है, जो 6 और 7 नवंबर 2025 को लिपिका ऑडिटोरियम में आयोजित होगा। इस दो दिवसीय कार्यक्रम का मकसद अकादमिक जगत और औद्योगिक क्षेत्र को एक मंच पर लाना है ताकि छात्र, शोधकर्ता और उद्योग जगत के प्रतिनिधि आपसी सहयोग से नई संभावनाओं को जन्म दे सकें।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार होंगे। इसके अलावा, ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) के चेयरमैन टी.जी. सीथाराम, उच्च शिक्षा सचिव वीनीत जोशी, इंस्टिट्यूट फॉर सोशल एंड इकोनॉमिक चेंज के चेयरमैन अशोक दलवाई, और चीन के कोलकाता में वाणिज्य दूतावास के कौंसुल जनरल शू वेई भी कार्यक्रम में भाग लेंगे।

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विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि यह पहल टैगोर की उस मूल भावना को साकार करने का प्रयास है, जिसमें शिक्षा को समाज और उद्योग से जोड़ने की बात कही गई थी। यह सेतु छात्रों को व्यावहारिक अनुभव, नवाचार के अवसर और बेहतर रोजगार की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करेगा।

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