पश्चिम बंगाल में भाजपा विधायकों के तृणमूल में जाने पर विपक्ष के नेता ने हाईकोर्ट में दाखिल किया जवाब
पश्चिम बंगाल में भाजपा विधायकों के तृणमूल में शामिल होने पर विपक्ष के नेता ने हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया। 2011 से अब तक लगभग 50 विधायकों ने दल-बदल किया।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता ने राज्य में लगातार हो रही दल-बदल की घटनाओं को लेकर हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया है। यह मामला उन भाजपा विधायकों से जुड़ा है जिन्होंने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल होकर राजनीतिक हलचल तेज कर दी थी।
विपक्ष के नेता ने अपने जवाब में कहा कि यह प्रवृत्ति न केवल लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करती है बल्कि मतदाताओं के विश्वास के साथ भी छल करती है। उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया कि इस प्रकार के मामलों पर गंभीरता से विचार किया जाए और आवश्यक कानूनी कदम उठाए जाएं।
गौरतलब है कि वर्ष 2011 से अब तक लगभग 50 विपक्षी विधायक तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। इसके बावजूद किसी भी विधायक के खिलाफ दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्यता की कार्रवाई नहीं की गई है। विपक्ष का कहना है कि यह स्थिति राज्य में लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक प्रावधानों पर सवाल खड़े करती है।
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इस मामले को लेकर राजनीतिक बहस भी तेज हो गई है। भाजपा का आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस सत्ता का दुरुपयोग कर विपक्ष को कमजोर करने की रणनीति अपना रही है। वहीं, तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि विधायक स्वेच्छा से पार्टी में शामिल हो रहे हैं और इसमें किसी प्रकार का दबाव नहीं है।
हाईकोर्ट में यह मामला फिलहाल सुनवाई के अधीन है। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अदालत इस पर कड़ा रुख अपनाती है, तो यह राज्य की राजनीति में दल-बदल की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने का एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है।
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