सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तीन महीने बाद भी पश्चिम बंगाल सरकार कर्मचारियों को डीए बकाया नहीं दे पाई
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तीन महीने बाद भी पश्चिम बंगाल सरकार कर्मचारियों को डीए का बकाया नहीं दे सकी। विरोध प्रदर्शन तेज, पुलिस तैनाती के बावजूद कर्मचारी संघर्ष जारी रखे हुए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश को तीन महीने बीत जाने के बाद भी पश्चिम बंगाल सरकार राज्य के सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ते (डीए) का बकाया भुगतान नहीं कर पाई है। इससे राज्य में एक बार फिर असंतोष और विरोध प्रदर्शनों की लहर देखने को मिल रही है।
राज्यभर में हजारों सरकारी कर्मचारी बकाया डीए की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं। बेरोजगारी और नौकरी के अवसरों की कमी ने इस असंतोष को और बढ़ा दिया है। विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए राज्य सरकार ने भारी पुलिस बल की तैनाती की है, लेकिन इसके बावजूद प्रदर्शनकारी अपने मार्च और धरना जारी रखे हुए हैं।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से आदेश दिया था कि राज्य सरकार कर्मचारियों को बकाया डीए का भुगतान करे, लेकिन सरकार अब तक इस पर अमल नहीं कर पाई है। कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार जानबूझकर आदेश की अनदेखी कर रही है और उनके अधिकारों का हनन हो रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि डीए विवाद पश्चिम बंगाल सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। यह मुद्दा न केवल सरकारी कर्मचारियों की नाराजगी बढ़ा रहा है, बल्कि आम जनता के बीच सरकार की छवि को भी प्रभावित कर रहा है।
सूत्रों के अनुसार, सरकार वित्तीय संसाधनों की कमी का हवाला दे रही है, लेकिन कर्मचारी संगठनों का कहना है कि वे अपने हक से पीछे नहीं हटेंगे और संघर्ष जारी रहेगा। आने वाले दिनों में यह विरोध और तेज हो सकता है।
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