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डब्ल्यूएचओ ने भारत से खांसी की दवा के निर्यात पर स्पष्टीकरण मांगा; कहा—उत्तर मिलने के बाद ही वैश्विक अलर्ट पर निर्णय

डब्ल्यूएचओ ने भारत से पूछा है कि संदिग्ध खांसी की दवा अन्य देशों में भेजी गई या नहीं। संगठन भारत के जवाब के बाद ही वैश्विक अलर्ट पर निर्णय लेगा।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत से यह स्पष्ट करने के लिए कहा है कि संदिग्ध खांसी की दवा (कफ सिरप) क्या अन्य देशों को निर्यात की गई है। संगठन ने बताया कि भारतीय स्वास्थ्य प्राधिकरणों से जानकारी मिलने के बाद ही यह तय किया जाएगा कि वैश्विक मेडिकल प्रोडक्ट अलर्ट (Global Medical Product Alert) जारी करने की आवश्यकता है या नहीं।

डब्ल्यूएचओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्हें कुछ देशों से ऐसी शिकायतें प्राप्त हुई हैं जिनमें भारत निर्मित कफ सिरप की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए हैं। हालांकि, फिलहाल इन उत्पादों को लेकर कोई आधिकारिक चेतावनी जारी नहीं की गई है। अधिकारी ने कहा, “हमने भारत सरकार से यह जानकारी मांगी है कि क्या यह दवाएं अन्य देशों में निर्यात की गई हैं। जब हमें आधिकारिक जवाब मिल जाएगा, तब आगे की कार्रवाई पर निर्णय लिया जाएगा।”

भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जांच जारी है और निर्माताओं से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। मंत्रालय के अनुसार, दवाओं के निर्यात से संबंधित सभी रिकॉर्ड की समीक्षा की जा रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी मानक का उल्लंघन न हुआ हो।

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पिछले कुछ वर्षों में अफ्रीका और एशिया के कुछ देशों में भारत निर्मित कफ सिरप से जुड़ी घटनाओं के बाद डब्ल्यूएचओ सतर्क है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम भारत की फार्मास्युटिकल साख बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।

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