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संसद का शीतकालीन सत्र: प्रदूषण संकट पर विपक्ष का हंगामा, छात्रों के वीज़ा मामले पर भी सवाल

शीतकालीन सत्र के चौथे दिन विपक्ष ने दिल्ली प्रदूषण पर सरकार को घेरा, छात्रों के वीज़ा मुद्दे पर चिंता जताई। वित्त मंत्री नया सेस बिल पेश करने वाली हैं।

संसद के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर विपक्ष ने जोरदार विरोध दर्ज कराया। गुरुवार (4 दिसंबर 2025) को कांग्रेस सांसदों माणिकम टैगोर, मनीष तिवारी और विजय वासन्थ ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया, जिसमें प्रदूषण को राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने की मांग की गई। सांसदों ने कहा कि लगातार बिगड़ती वायु गुणवत्ता लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल रही है और सरकार को तत्काल कदम उठाने चाहिए।

सत्र के दौरान अमेरिका में भारतीय छात्रों के वीज़ा सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर रद्द किए जाने के मुद्दे पर भी विपक्षी सदस्यों ने सवाल उठाए। सांसदों ने इस मामले को संवेदनशील बताते हुए केंद्र से जवाब मांगते हुए कहा कि ऐसे मामलों से छात्रों का भविष्य प्रभावित हो सकता है।

इस बीच, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में ‘हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल, 2025’ चर्चा और पारित कराने के लिए पेश कर सकती हैं। यह विधेयक राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर होने वाले व्यय के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने का प्रावधान करता है। इसके तहत निर्दिष्ट वस्तुओं के निर्माण या उत्पादन में लगाए जाने वाले मशीनों और अन्य प्रक्रियाओं पर विशेष उपकर (cess) लगाने का प्रस्ताव है।

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बुधवार को लोकसभा ने एक कानून पारित किया जिसके तहत जीएसटी मुआवजा उपकर समाप्त होने के बाद तंबाकू और संबंधित उत्पादों पर अधिक उत्पाद शुल्क लगाया जाएगा। वहीं, राज्यसभा ने जल विधेयक को ध्वनिमत (voice vote) से पास कर दिया।

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