वंदे मातरम् की शताब्दी पर आपातकाल लगाकर कांग्रेस ने संविधान का गला घोंटा: सीएम योगी आदित्यनाथ
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कांग्रेस ने वंदे मातरम् की शताब्दी के समय आपातकाल लगाकर संविधान का गला घोंटा और राष्ट्रीय गीत के मूल भाव को ठेस पहुंचाई।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार (22 दिसंबर, 2025) को कहा कि जिस कांग्रेस के मंच से पहली बार वंदे मातरम् गाया गया था, उसी कांग्रेस ने राष्ट्रीय गीत की शताब्दी के दौरान देश में आपातकाल लागू कर संविधान का “गला घोंटने” का काम किया। शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन राज्य विधानसभा में वंदे मातरम् पर चर्चा की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने यह टिप्पणी की।
योगी आदित्यनाथ ने कहा, “जब वंदे मातरम् की शताब्दी का अवसर आया, तब उसी कांग्रेस ने, जिसके मंच से पहली बार यह गीत गाया गया था, 1971 में देश में आपातकाल थोप दिया और संविधान को कुचल दिया।” उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् के प्रति सम्मान केवल भावनात्मक अभिव्यक्ति नहीं है, बल्कि यह हम सभी में संवैधानिक मूल्यों के प्रति राष्ट्रीय कर्तव्यों की भावना भी जागृत करता है।
मुख्यमंत्री ने वंदे मातरम् को “राष्ट्र की आत्मा, संघर्ष और संकल्प का प्रतीक” बताते हुए कहा कि जब यह गीत अपनी रजत जयंती मना रहा था, तब देश ब्रिटिश शासन के अधीन था। उन्होंने कहा कि यह गीत उस दौर में रचा गया था, जब प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के बाद ब्रिटिश सरकार का दमन और अत्याचार चरम पर था और भारतीय जनता को भारी कष्ट झेलने पड़ रहे थे।
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योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उस समय कांग्रेस स्वतंत्रता आंदोलन को आगे बढ़ाने का एक प्रमुख मंच थी। उन्होंने उल्लेख किया कि 1896 में कांग्रेस अधिवेशन में रवींद्रनाथ टैगोर ने पहली बार वंदे मातरम् का गायन किया और यह पूरे राष्ट्र के लिए एक मंत्र बन गया।
हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने बाद में तुष्टिकरण की नीति अपनाई। उन्होंने कहा कि मोहम्मद अली जिन्ना के कांग्रेस छोड़ने के बाद वंदे मातरम् को मुस्लिम लीग ने सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि देश आज वंदे मातरम् के अमर रचयिता बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय के सपनों को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में नई दिल्ली से शुरू किए गए वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने के कार्यक्रमों की श्रृंखला के तहत संभवतः उत्तर प्रदेश विधानसभा पहली ऐसी विधायिका है, जहां राष्ट्रीय गीत पर इतनी विस्तृत चर्चा हो रही है।