बांग्लादेश में एक और हिंदू की हत्या, सहकर्मी ने पूछा था गोली मार दूं?
बांग्लादेश के म्यामेंसिंह में हिंदू अंसार सदस्य बजेंद्र बिस्वास की सहकर्मी ने गोली मारकर हत्या कर दी। यह एक हफ्ते में तीसरी घटना है, आरोपी गिरफ्तार।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। म्यामेंसिंह जिले में एक और हिंदू व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना पिछले एक सप्ताह के भीतर तीसरी और म्यामेंसिंह में दूसरी ऐसी घटना है। मृतक की पहचान 40 वर्षीय बजेंद्र बिस्वास के रूप में हुई है, जो एक परिधान फैक्ट्री में ड्यूटी के दौरान मारा गया।
जानकारी के अनुसार, बजेंद्र बिस्वास की गोली मारकर हत्या उसके ही सहकर्मी नुमान मिया ने की। यह घटना सोमवार शाम करीब 6.30 बजे भालुका उपजिला के मेहराबाड़ी इलाके में स्थित सुल्ताना स्वेटर्स लिमिटेड फैक्ट्री में हुई। बजेंद्र बिस्वास बांग्लादेश के गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले अंसार बहिनी का सदस्य था, जो देश में आंतरिक सुरक्षा और कानून-व्यवस्था संभालने वाली अर्धसैनिक सहायक बल है।
पुलिस और स्थानीय सूत्रों के हवाले से बांग्लादेशी मीडिया ने बताया कि घटना के समय फैक्ट्री में कुल 20 अंसार सदस्य तैनात थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बजेंद्र और नुमान एक ही कमरे में बैठे थे, तभी नुमान ने अपनी शॉटगन से बजेंद्र की जांघ पर निशाना साधते हुए कहा, “क्या मैं गोली मार दूं?” और इसके बाद उसने फायर कर दिया।
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गोली लगने से बजेंद्र गंभीर रूप से घायल हो गया। सहकर्मी उसे तुरंत उपजिला स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना के चश्मदीद और अंसार सदस्य एपीसी अज़हर अली ने बताया कि घटना से पहले दोनों के बीच किसी तरह का विवाद नहीं हुआ था।
म्यामेंसिंह जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अब्दुल्ला अल मामुन ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि मंगलवार तड़के अभियान चलाकर आरोपी नुमान मिया को गिरफ्तार कर लिया गया है। हत्या के पीछे के कारणों की गहन जांच की जा रही है। मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए म्यामेंसिंह मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया गया है।
गौरतलब है कि इससे पहले 24 दिसंबर को अमृत मंडल नामक एक हिंदू युवक की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। वहीं 18 दिसंबर को दीपू चंद्र दास की झूठे ईशनिंदा आरोपों में नृशंस हत्या हुई थी। इन घटनाओं के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकार संगठनों में आक्रोश है। भारत ने भी बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा पर गहरी चिंता जताई है।
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