कंबोडिया आधारित नौकरी धोखाधड़ी का शिकार होते रहे विशाखापट्टनम के युवा, 150 से अधिक विदेशों में फंसे
कंबोडिया आधारित नौकरी धोखाधड़ी से विशाखापट्टनम के युवा प्रभावित; 10 लोग थाईलैंड में साइबर अपराध करने पर मजबूर, 150 से अधिक विदेशों में फंसे; पुलिस और सरकार बचाव प्रयासों में जुटी।
कंबोडिया में चल रहे नौकरी धोखाधड़ी रैकेट का खतरा विशाखापट्टनम (विजाग) के युवाओं को लगातार परेशान कर रहा है। पुलिस के अनुसार, हाल ही में सामने आए एक नए मामले में 10 भारतीय नागरिकों को थाईलैंड में जबरन साइबर अपराध गतिविधियों में शामिल किया गया है।
सूत्रों का कहना है कि धोखेबाज एजेंट युवाओं को आईटी या ग्राहक सेवा जैसी आकर्षक नौकरियों का लालच देकर विदेश ले जाते हैं। वहां पहुंचने के बाद उनका पासपोर्ट छीन लिया जाता है और उन्हें साइबर फ्रॉड कॉल सेंटरों में काम करने के लिए मजबूर किया जाता है।
पुलिस ने बताया कि केवल विशाखापट्टनम से ही 150 से अधिक लोग इन विदेशी रैकेट्स में फंसे हुए हैं। कई पीड़ित महीनों से वापस आने में असमर्थ हैं और कुछ को छुड़ाने के लिए भारतीय दूतावास को हस्तक्षेप करना पड़ा है।
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विशाखापट्टनम पुलिस ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि युवाओं को विदेश में नौकरी के ऑफर स्वीकार करने से पहले एजेंटों की पूरी जांच करनी चाहिए। पुलिस ने यह भी बताया कि मानव तस्करी और साइबर अपराध से जुड़े इन गिरोहों का जाल कंबोडिया, म्यांमार, लाओस और थाईलैंड तक फैला हुआ है।
राज्य सरकार और केंद्रीय एजेंसियां इन मामलों की जांच कर रही हैं और विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर फंसे हुए लोगों को सुरक्षित वापस लाने के प्रयास जारी हैं।