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दिल्ली हाईकोर्ट ने बैलेट पेपर वापसी की याचिका खारिज की

दिल्ली हाईकोर्ट ने बैलेट पेपर वापसी की याचिका खारिज कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही EVM और VVPAT की विश्वसनीयता पर फैसला दे चुका है। चुनाव आयोग की प्रणाली पारदर्शी है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने बैलेट पेपर प्रणाली की वापसी की मांग करने वाली एक याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग द्वारा इस्तेमाल की जा रही इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) और वोटर वेरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) प्रणाली पूरी तरह विश्वसनीय और पारदर्शी है।

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया था कि बैलेट पेपर के इस्तेमाल से चुनाव प्रक्रिया अधिक निष्पक्ष और भरोसेमंद होती है, जबकि EVM में गड़बड़ी या हैकिंग की आशंका बनी रहती है। हालांकि, हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट पहले ही कई बार निर्णय दे चुका है, जिसमें EVM और VVPAT को विश्वसनीय, सुरक्षित और लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप बताया गया है।

अदालत ने कहा कि चुनाव सुधार और चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करना भारतीय चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है और इस पर पहले से पर्याप्त कदम उठाए जा चुके हैं। VVPAT प्रणाली के जरिए मतदाता को यह आश्वासन मिलता है कि उसका वोट सही उम्मीदवार को ही गया है।

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हाईकोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए चुनावी प्रक्रिया पर भरोसा कायम रहना चाहिए, और बार-बार एक ही मुद्दे पर अदालत में याचिका दायर करना न्यायिक संसाधनों का दुरुपयोग है।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस फैसले से चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर न्यायपालिका का भरोसा दोबारा स्पष्ट होता है और यह चुनावी प्रक्रिया में स्थिरता का संकेत देता है।

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