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मेलोनी की आत्मकथा पर मोदी की कलम: ‘यह उनकी मन की बात है'

मोदी ने जॉर्जिया मेलोनी की आत्मकथा की प्रस्तावना लिखते हुए उनके साहस, नारी शक्ति और भारत-इटली की साझा सांस्कृतिक मूल्यों पर जोर दिया। उनकी दोस्ती सोशल मीडिया पर लोकप्रिय है।

इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की आत्मकथा पाठकों को उनके दिल और सोच की एक सच्ची झलक देती है। भारतीय संस्करण की प्रस्तावना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखी है। आत्मकथा "आई एम जॉर्जिया: माई रूट्स, माई प्रिंसिपल्स" का भारत में रूपा पब्लिकेशन द्वारा विमोचन किया जाएगा।

प्रस्तावना में प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा कि मेलोनी का जीवन राजनीति या सत्ता पर नहीं, बल्कि साहस, दृढ़ता और जनसेवा पर आधारित है। उन्होंने कहा, “पिछले 11 वर्षों में मैंने कई विश्व नेताओं से संवाद किया है। कुछ यात्राएँ व्यक्तिगत सीमाओं को पार कर वैश्विक मूल्यों से जुड़ जाती हैं। मेलोनी की यात्रा ऐसी ही प्रेरणादायी और ऐतिहासिक है।”

मोदी ने याद दिलाया कि जब मेलोनी सत्ता में आईं, तो कई विश्लेषक संदेह में थे। लेकिन उन्होंने इटली को मजबूती और स्थिरता दी। वैश्विक मंच पर भी वे स्पष्ट दृष्टि और जिम्मेदारी से जुड़ी हुई हैं। मोदी ने मेलोनी की तुलना भारतीय परंपरा के "नारी शक्ति" से की।

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उन्होंने कहा, “रोम की एक साधारण बस्ती से इटली की सर्वोच्च कुर्सी तक का सफर बताता है कि उद्देश्य, संकीर्ण राजनीति पर भारी पड़ता है। मातृत्व, परंपरा और राष्ट्रीय पहचान की रक्षा का उनका संकल्प भारत में भी गूंजेगा।”

मोदी ने यह भी लिखा कि भारत और इटली केवल व्यापार या संधियों से नहीं, बल्कि साझा सांस्कृतिक प्रवृत्तियों से जुड़े हैं। उन्होंने आत्मकथा को “मन की बात” की तरह व्यक्तिगत और प्रेरणादायी करार दिया।

सोशल मीडिया पर मोदी और मेलोनी की दोस्ती बेहद लोकप्रिय है। उनके हर मुलाकात पर मीम्स और #Melodi ट्रेंड करते हैं। यह व्यक्तिगत रिश्ता नई दिल्ली और रोम के बीच सहयोग को और प्रगाढ़ बना रहा है।

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