अमेरिकी उड़ानों पर भारतीय वीज़ा धारकों को ट्रोलिंग का शिकार
ट्रंप द्वारा नए एच-1बी वीज़ा शुल्क की घोषणा के बाद, अमेरिकी दूर-दराज़ दक्षिणपंथी ट्रोल्स ने भारतीय यात्रियों की फ्लाइट बुकिंग बाधित करने के लिए नस्लीय अभियान चलाया।
अमेरिका में एच-1बी वीज़ा शुल्क में बढ़ोतरी की घोषणा के बाद बड़ी संख्या में भारतीय आईटी पेशेवर और वीज़ा धारक जल्दबाजी में अमेरिका की ओर जाने वाली उड़ानों की बुकिंग कर रहे हैं। इसी बीच, दूर-दराज़ दक्षिणपंथी ऑनलाइन ट्रोल समूहों ने नस्लीय रूप से प्रेरित एक अभियान छेड़ दिया है, जिसमें भारतीय यात्रियों को परेशान करने की कोशिश की जा रही है।
इन ट्रोल्स ने “क्लॉग द टॉयलेट” नामक एक समन्वित ऑनलाइन अभियान शुरू किया, जिसके तहत भारतीय वीज़ा धारकों की फ्लाइट बुकिंग और यात्रा को बाधित करने के लिए झूठी जानकारी फैलाने और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर गड़बड़ी पैदा करने की कोशिश की गई। सोशल मीडिया मंचों पर आपत्तिजनक और नस्लीय टिप्पणियाँ भी की गईं, जिनका निशाना भारतीय समुदाय था।
रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रोल समूहों का मकसद भारतीय यात्रियों को शर्मिंदा करना और उन्हें अमेरिका जाने से रोकना था। यह घटना न केवल ऑनलाइन नस्लवाद का उदाहरण है बल्कि प्रवासी समुदाय के प्रति बढ़ती असहिष्णुता को भी उजागर करती है।
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बीते दिनों डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीज़ा शुल्क में बढ़ोतरी की घोषणा की थी, जिससे हजारों भारतीय पेशेवर प्रभावित होंगे। इस वजह से भारत से अमेरिका जाने वाली उड़ानों की मांग अचानक बढ़ गई। एयरलाइनों और ट्रैवल पोर्टल्स पर बुकिंग का दबाव स्पष्ट दिख रहा है।
भारतीय समुदाय ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि ऑनलाइन घृणा और नस्लवाद की यह प्रवृत्ति भारतीय पेशेवरों की सुरक्षा और सम्मान के लिए गंभीर खतरा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि इस तरह की गतिविधियों पर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो यह भारत-अमेरिका संबंधों पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
अब निगाहें अमेरिकी प्रशासन और सोशल मीडिया कंपनियों पर हैं कि वे इस तरह के नस्लीय ट्रोलिंग अभियान को रोकने के लिए क्या कदम उठाते हैं।
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