बाल ठाकरे पुण्यतिथि पर उद्धव–राज एक मंच पर, गठबंधन के संकेत तेज
बाल ठाकरे की पुण्यतिथि पर उद्धव और राज ठाकरे एक साथ दिखे। दोनों की नजदीकियों से संभावित गठबंधन के संकेत मिले। राज ने बाल ठाकरे की हिंदुत्व और तर्कशीलता की विचारधारा को याद किया।
सोमवार (17 नवंबर 2025) को शिवाजी पार्क में शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे की 13वीं पुण्यतिथि पर हजारों लोग श्रद्धांजलि देने पहुंचे। इस मौके पर ठाकरे परिवार की एकजुटता और सौहार्द चर्चा का केंद्र रही, जहां पूर्व प्रतिद्वंद्वी माने जाने वाले उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक साथ नजर आए। स्थानीय निकाय चुनावों से पहले दोनों नेताओं के बीच बढ़ती नजदीकियों ने संभावित गठबंधन की अटकलों को और तेज कर दिया है, हालांकि औपचारिक घोषणा अभी बाकी है।
समारोह में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे, उनकी पत्नी रश्मि ठाकरे, बेटे आदित्य ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे सहित दोनों दलों के कई शीर्ष नेता मौजूद रहे। पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत भी मास्क पहनकर और अपने भाई तथा विधायक सुनील राउत का हाथ पकड़कर श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
बाल ठाकरे का निधन 17 नवंबर 2012 को मुंबई स्थित ‘मातोश्री’ निवास पर लंबी बीमारी के बाद हुआ था। इस अवसर पर राज ठाकरे ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर बाल ठाकरे को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा कि वे भाषाई गौरव के आधार पर आंदोलन से जन्मी राजनीतिक पार्टी बनाने वाले पहले नेता थे। उन्होंने कहा कि जातिगत राजनीति के उभार और भाजपा की ‘कमंडल’ राजनीति से पहले हिंदू आत्मसम्मान को जीवित रखने का काम केवल बाल ठाकरे ने किया।
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राज ठाकरे ने यह भी कहा कि बाल ठाकरे ने हिंदुओं को कभी वोट बैंक के रूप में नहीं देखा। उनके लिए हिंदुत्व गौरव और प्रेम का विषय था, और वे तर्कशीलता से कभी दूर नहीं हुए। उन्होंने भाजपा पर परोक्ष हमला करते हुए कहा कि आज राजनीति केवल वोट जीतने और सत्ता हथियाने की दौड़ बनकर रह गई है। बाल ठाकरे ने हमेशा राजनीति से ऊपर समाजकार्य को महत्व दिया।
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